भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ द्वारा भोपाल में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में प्रद्युम्न सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए निशानेबाजी का खिताब जीता है. उन्होंने 50 M राइफल प्रो जूनियर पुरुष और 50 M राइफल मेन श्रेणी में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 594.9 अंक हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे. इस खिताब को जीतने के बाद जांजगीर-चाम्पा में खुशी का माहौल है. हालांकि इससे पहले प्रद्युम्न सिंह केरल में आयोजित प्वाईंट 2-2 राइफल 50 मीटर वर्ग में शूटिंग का ख़िताब जीत चुके हैं.
प्रद्युम्न सिंह छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव से आते हैं. वो जांजगीर-चाम्पा जिले के अवरीद गांव के रहने वाले हैं. छोटे से गांव के रहने वाले प्रद्युम्न ने बड़ा सपना देखा और हौसले के दम पर राष्ट्रीय स्तर तक जा पहुंचे. इस छोटे से गांव से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचना प्रद्युम्न के लिए आसान नहीं था.प्रद्युम्न बचपन में गुलेल से निशाना साधते थे और इसी शौक ने 17 साल की उम्र में प्रद्युम्न सिंह के हाथों मे राइफल थमा दिया और फिर बुलंद हौसले छोटे से गांव से राष्ट्रीय लेवल का निशानेबाज बना दिया.
प्रद्युम्न बताते हैं कि गांव में प्रैक्टिस के लिए कोई संसाधन नहीं था. ना ही आज है. उन्हें प्रैक्टिस के लिए झारखण्ड जाना पड़ता है. एक किसान परिवार से आने की वजह से प्रद्युम्न के पिता मंगल सिंह को इसका खर्च उठाना आसान नहीं है, इसलिए प्रद्युम्न प्रतियोगिता के समय सिर्फ 3 दिन ही प्रैक्टिस कर पाते थे, इसके बावजूद प्रद्युम्न की निगाहें लक्ष्य पर ही टिकी रही.