पिछले 10 साल में Pakistan का 5 गुना बढ़ा कर्ज, दिवालिया होने का बढ़ा खतरा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है, जिस हिसाब से पाकिस्तान का कर्ज बढ़ रहा है, उससे पाकिस्तान का दिवालिया होने का खतरा बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान ने बीते 10 सालों में कर्ज लेने का रिकॉर्ड बना दिया है. साल 2013 से लेकर मार्च 2024 के बीच पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ 5 गुना बढ़ गया है. मार्च 2024 तक पाकिस्तान का कर्ज 67.525 ट्रिलियन रुपये हो गया है.
पाकिस्तान को मिल रहे राजस्व का बड़ा हिस्सा सिर्फ कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च हो रहा है. पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण से पता चला है कि पाकिस्तान की सरकार ने वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती 9 महीनों में कर्ज पर कुल 5.5118 ट्रिलियन रुपये का ब्याज दिया है. पाकिस्तान में कर्ज बढ़ने की मुख्य वजह राजकोषीय घाटा बताया जा रहा है. कुछ एक्सपर्ट का अनुमान है कि ऐसा ही रहा तो पाकिस्तान दिवालिया हो सकता है.
16 साल में पाकिस्तान पर बढ़ा 11 गुना कर्ज
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मौजूदा समय में पाकिस्तान अपना सार्वजनिक कर्ज खत्म करना चाहे तो उसके जीडीपी का दो तिहाई हिस्सा सिर्फ इसमें चला जाएगा. कर्ज की रकम पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 63.67 फीसदी है. वर्तमान समय में पाकिस्तान की जीडीपी का मूल्य 106.045 ट्रिलियन (375 बिलियन डॉलर) है. राजकोषीय उत्तरदायित्व और ऋण सीमा अधिनियम के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में ऋण 60 फीसदी से नीचे रहना चाहिए, जबकि पाकिस्तान का कर्ज इससे ऊपर जा चुका है. यदि पिछले 16 साल यानी 2008 के बाद से पाकिस्तान के कर्ज की बात की जाए तो पाकिस्तान का कर्ज 11 गुना बढ़ गया है. पाकिस्तान के ऊपर 2008 में 6.127 ट्रिलियन रुपये का कर्ज था