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नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सभा का विस्तार…

छत्तीसगढ़ और ओडिशा की राजनीति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण चुनावी घटनाक्रम है। आइए इसे विस्तार से, बिंदुवार और विश्लेषणात्मक रूप में समझते हैं —


🗳️ नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सभा का विस्तार

🔹 सभा का आयोजन और उद्देश्य

  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को ओडिशा के नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी जय ढोलकिया के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया।
  • यह उपचुनाव ओडिशा की राजनीति में अहम माना जा रहा है क्योंकि भाजपा इसे “उत्तम ओडिशा” के संकल्प से जोड़ रही है — यानी विकसित और पारदर्शी ओडिशा का निर्माण।

🔹 साय का मुख्य संदेश : “उत्तम हो ओडिशा, यह हम सबका संकल्प”

  • सीएम साय ने कहा — “उत्तम ओडिशा विकसित हो, यह हम सबका संकल्प है।
  • उन्होंने ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज के जीवन में ऐतिहासिक बदलाव हो रहा है।
  • यह वक्तव्य न केवल चुनावी भाषण था बल्कि केंद्र और राज्य (ओडिशा–छत्तीसगढ़) के बीच साझा सांस्कृतिक और विकासात्मक एकजुटता का संकेत भी था।

🔹 ओडिशा और छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक-सांस्कृतिक रिश्ता

  • मुख्यमंत्री साय ने कहा कि दोनों राज्यों की संस्कृति, भाषा और परंपरा काफी हद तक एक जैसी है।
  • उन्होंने कहा — “हम सब पर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद है।
  • यह वक्तव्य स्थानीय भावनाओं और धार्मिक जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए दिया गया, ताकि जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ा जा सके।

🔹 बीजेडी सरकार पर निशाना

  • साय ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनके सहयोगी वी.के. पांडियन पर तीखा प्रहार किया।
  • उन्होंने कहा कि पहले बीजेडी की सरकार में ओडिशा का विकास ठहर गया था और लोगों में सवाल था — “यहां के मुख्यमंत्री नवीन बाबू थे या पांडियन?”
  • इस बयान के ज़रिए भाजपा ने बीजेडी पर परदे के पीछे शासन चलाने का आरोप दोहराया।

🔹 मोहन मांझी सरकार की सराहना

  • सीएम साय ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन मांझी के नेतृत्व में ओडिशा में विकास के कार्य तेजी से चल रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि मांझी सरकार ने अब तक नुआपाड़ा जिले के विकास के लिए 1101 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं,
    जिनमें से 800 करोड़ रुपए जल परियोजनाओं पर खर्च किए जा चुके हैं।
  • यह आंकड़ा यह दिखाने के लिए प्रस्तुत किया गया कि भाजपा सरकार स्थानीय स्तर पर ठोस विकास कर रही है।

🔹 जनजातीय समाज के प्रति सम्मान और प्रतिनिधित्व

  • विष्णुदेव साय ने कहा कि भाजपा ने हमेशा जनजातीय समाज को सम्मान दिया है।
  • इसी कारण आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जनजातीय समाज से आती हैं।
  • उन्होंने यह भी कहा कि ओडिशा के सीएम मोहन मांझी और वे स्वयं दोनों ही जनजातीय समुदाय से हैं।
  • मांझी कैबिनेट में चार जनजातीय विधायकों को मंत्री बनाया गया है — यह भाजपा की “समान भागीदारी की नीति” का प्रमाण बताया गया।

🔹 डबल इंजन सरकार का लाभ

  • सीएम साय ने “डबल इंजन की सरकार” की अवधारणा पर बल दिया — यानी केंद्र में मोदी सरकार और राज्यों में भाजपा सरकार का संयुक्त विकास मॉडल।
  • उन्होंने बताया कि:
    • छत्तीसगढ़ में “महतारी वंदन योजना” के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
    • ओडिशा में “सुभद्रा योजना” के ज़रिए महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का लाभ मिल रहा है।
  • उन्होंने कहा कि यह दोनों योजनाएं महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मील का पत्थर हैं।

🔹 नक्सलवाद पर संयुक्त कार्रवाई

  • मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकारें नक्सलवाद उन्मूलन के लिए साझा रणनीति पर काम कर रही हैं।
  • दोनों राज्यों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर सीमावर्ती इलाकों में अभियान चला रही हैं।
  • उन्होंने दावा किया कि अब दोनों राज्य “नक्सल-मुक्त क्षेत्र” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

🔹 स्थानीय प्रत्याशी को समर्थन की अपील

  • सभा के अंत में साय ने जनता से कहा कि वे जय ढोलकिया (पूर्व विधायक स्व. राजेंद्र ढोलकिया के पुत्र) को वोट देकर “उत्तम ओडिशा” के संकल्प को पूरा करें।
  • उन्होंने जनता से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में भारी मतदान की अपील की।

🔹 सभा में उपस्थित प्रमुख नेता

  • भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं ओडिशा सह प्रभारी लता उसेंडी
  • भाजपा ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष बसंत पांडा
  • प्रदेश उपाध्यक्ष जगन्नाथ पाणिग्रही
  • विधायक पुरंदर मिश्रा, रोहित साहू
  • स्थानीय भाजपा पदाधिकारी और हजारों समर्थक उपस्थित रहे।

🔸 समग्र विश्लेषण

यह सभा सिर्फ एक उपचुनाव प्रचार नहीं थी, बल्कि भाजपा की राजनीतिक रणनीति और ओडिशा में बढ़ते जनाधार का प्रदर्शन भी थी।
साय ने न केवल विकास और जनजातीय प्रतिनिधित्व की बात की, बल्कि “उत्तम ओडिशा” के विचार के ज़रिए राज्य की जनता को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास किया।

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