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नरक चतुर्दशी पर भूलकर भी न करें ये काम नहीं तो माँ लक्ष्मी हो जाएगी नाराज..

इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था. इस दिन घरों में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है. इसलिए लोग घर की साफ-सफाई करते हैं और सकारात्मकता का माहौल बनाते हैं. साथ ही नरक चतुर्दशी के अवसर पर नरक से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं. नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. पंचाग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 1:16 बजे से शुरू होगी और चतुर्दशी तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे समाप्त होगी. छोटी दिवाली शाम के समय मनाई जाती है इसलिए यह त्योहार 30 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाया जाएगा.

इस दिन यमराज की पूजा की जाती है और घरों में दीप जलाए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही इस दिन यम देव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है.

नरक चतुर्दशी के दिन सुबह उठकर पूरे शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए. इसके बाद स्नान करना चाहिए. मान्यता है कि चतुर्दशी के दिन तेल में देवी लक्ष्मी और सभी जल में मां गंगा का वास होता है. इसलिए ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है.

भगवान कृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है. इसके अलावा नरक चतुर्दशी को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इसलिए मान्यता है कि इस दिन मां कालिका की पूजा करने से दुख दूर होते हैं.

  • नरक चतुर्थी के दिन यमराज की पूजा की जाती है, इसलिए इस दिन किसी भी प्राणी की मृत्यु नहीं होनी चाहिए.
  • इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज होती हैं, जिससे घर में दरिद्रता आती है.
  • नरक चतुर्थी के दिन तेल का दान नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज होती हैं. इसके अलावा इस दिन मांसाहारी भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए.

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