छत्तीसगढ़
नक्सलियों का सामूहिक आत्मसमर्पण….

- बस्तर संभाग के पाँच जिलों—सुकमा, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर—में कुल 66 नक्सली आत्मसमर्पित हुए, जिन पर कुल ₹2.31 करोड़ का इनाम घोषित था। इसमें कई महिला कमांडर भी शामिल हैं।
- बीजापुर में 25 खास नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें एक वरिष्ठ SZCM रमन अर्पा भी शामिल थे, जिन पर ₹25 लाख का इनाम था।
- इस प्रक्रिया के तहत इस वर्ष जनवरी से अब तक बस्तर क्षेत्र में 242 आत्मसमर्पण, 300 गिरफ्तारी, और 127 नक्सली मारे गए हैं।

छत्तीसगढ़ में 66 नक्सलियों का सामूहिक आत्मसमर्पण
- कुल 66 नक्सली (Maoists), जिनमें 49 पर ₹2.27–₹2.31 करोड़ का इनाम घोषित था, इन सभी ने एक साथ हथियार डाल दिए। इनमें 27 महिलाएँ शामिल थीं।
- यह आत्मसमर्पण बस्तर विभाग के 5 जिलों—बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा में हुआ। जिलावार वितरण इस प्रकार रहा:
- बीजापुर: 25
- दंतेवाड़ा: 15
- कांकेर: 13
- नारायणपुर: 8
- सुकमा: 5
🎯 बीजापुर में विशेष आत्मसमर्पण और प्रमुख नेता
- Ramanna Irpa (उर्फ Jagdish/Vikesh), एक अनुभवी Special Zonal Committee Member, बीजापुर से आत्मसमर्पण करने वालों में सबसे वरिष्ठ थे। उन पर ₹25 लाख का इनाम था।
- उनका राष्ट्र रैंक स्तर पर नेतृत्व था—अड्रेनाली विभाग में हथियार, ट्रेनिंग, लॉजिस्टिक्स की ज़िम्मेदारी संभालते थे।
- उनके साथ Rame Kalmu नामक महिला PPCM थीं (₹8 लाख बाउंटी), अन्य नामों में Sukku Kalmu, Bablu Madvi, Kosi Madkam, और Reena Vanjam शामिल थे—जो प्रत्येक ₹8 लाख मूल्य के पदों पर कार्यरत थे।
📊 जनवरी 2025 से अब तक बस्तर क्षेत्र की स्थिति
- जनवरी 2025 से अब तक बस्तर में कुल 242 आत्मसमर्पण, 300 गिरफ्तारियाँ, और 127 नक्सलियों की मौत हुई है। यह आंकड़ा इस अभियान की तीव्रता को दर्शाता है।
🛠️ पीछे की रणनीति: Poona Margham और Lon Varratu
- इस आत्मसमर्पण लहर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है “Poona Margham” पहल की, जिसका अर्थ है “नई राह” — जिसमें नक्सलियों को हथियार छोड़कर सामाजिक पुनर्वास के लिए आकर्षित करने पर केंद्रित है:
- परिवारों से संपर्क,
- वित्तीय सहायता (प्रारंभ में ₹50,000),
- कौशल विकास,
- स्वास्थ्य, रोजगार, आवास सुविधा आदि।
- साथ ही सरकार का “Lon Varratu” अभियान (स्थानीय भाषा में “अपने गाँव/घर वापसी”) भी जारी है, जिससे 2020 से अब तक कई नक्सलियों ने शांति स्वीकार की है।
🧠 निष्कर्ष
- यह आत्मसमर्पण न केवल संख्या में बड़ी घटना है, बल्कि Maoist नेतृत्व और संरचनात्मक गिरावट का संकेत है। तबके के वरिष्ठ सदस्य हथियार छोड़ने को बाध्य हुए हैं।
- Poona Margham और Lon Varratu की नीति का असर साफ़ झलकता है—नौजवान नक्सलियों को नया जीवन स्वीकार करने में सहूलियत प्रदान की गई।
- बस्तर क्षेत्र में जनवरी 2025 से जो भी कार्रवाई हुई है—242 आत्मसमर्पण, 300 गिरफ्तारी, 127 की मौत—ये सब मिलकर एक व्यापक और व्यवस्थित रणनीति को दर्शाते हैं।