छत्तीसगढ़

मंत्रालय में 1 दिसंबर से आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य…

मंत्रालय की कार्यशैली और सरकारी कार्यालयों में समयपालन व पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।


पूरी जानकारी विस्तार से

1. क्या बदला जा रहा है?

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1 दिसंबर 2025 से मंत्रालय में आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) पूरी तरह अनिवार्य होगी।
इसमें दो तरीके से उपस्थिति दर्ज होगी:

  1. मोबाइल ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन
  2. प्रवेश द्वारों पर लगे आधार-एनेबल्ड बायोमेट्रिक डिवाइस (फिंगर/फेस स्कैन)

दोनों सिस्टम एक साथ काम करेंगे ताकि प्रत्येक कर्मचारी की उपस्थिति सटीक और रियल-टाइम में दर्ज हो सके।


2. कहाँ लागू होगी?

यह नियम:

  • महानदी भवन (मंत्रालय)
  • इंद्रावती भवन के सभी विभागों

में लागू होगा।

इसके बाद 1 जनवरी 2026 से यह सभी संचालनालयों और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी अनिवार्य हो जाएगा।


3. क्यों लिया गया यह निर्णय?

मुख्य कारण:

प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना

देरी, उपस्थिति में गड़बड़ी या फर्जी उपस्थिति जैसी समस्याओं को खत्म करना।

समयपालन सख्ती से लागू करना

कामकाज समय पर शुरू हो और जवाबदेही बढ़े—यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बताई गई।

पारदर्शिता और जवाबदेही

AEBAS पूरी तरह डिजिटल और आधार-लिंक है, इसलिए रिकॉर्ड बदल पाना बेहद मुश्किल है।


4. नए सिस्टम का लाइव डेमो

मुख्य सचिव विकास शील की मौजूदगी में:

  • फेशियल ऑथेंटिकेशन का लाइव प्रदर्शन हुआ
  • दीवार पर लगाए गए आधार सक्षम डिवाइस का भी डेमो दिया गया
  • नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा किया गया
  • सभी प्रवेश द्वारों पर मशीनें स्थापित कर दी गईं

20 नवंबर से इसका परीक्षण (ट्रायल रन) भी शुरू हो गया है।


5. कर्मचारियों के लिए आवश्यक निर्देश

सभी कर्मचारियों को कहा गया है कि:

  • उनके आधार नंबर,
  • सेवा विवरण,
  • मोबाइल ऐप से जुड़े डेटा

पूरी तरह सही हों।
अगर ये अपडेट न हुए तो उन्हें उपस्थिति दर्ज कराने में समस्या आएगी।

इसके अलावा लापरवाही, ग़लत जानकारी, या अनुपालन न करने को गंभीर अनुशासनात्मक मुद्दा माना जाएगा।


6. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री ने इसे पारदर्शी, तकनीक-आधारित, जवाबदेह शासन व्यवस्था की दिशा में बड़ा और निर्णायक कदम बताया।

उन्होंने कहा कि:

  • यह सिस्टम समयपालन सुनिश्चित करेगा
  • कामकाज अधिक प्रोफेशनल और समयबद्ध होगा
  • राज्य सरकार को “आधुनिक शासन मॉडल” की ओर ले जाएगा

उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से 100% अनुपालन की अपेक्षा भी जताई।

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