
मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का है और यह मानव तस्करी, यौन शोषण व नाबालिग के साथ जबरदस्ती देह व्यापार कराने से जुड़ा एक गंभीर अपराध है।
नीचे इस पूरे प्रकरण का विस्तृत विवरण, कानूनी पहलू, और पुलिस कार्रवाई का विश्लेषण दिया गया है —
🔴 घटना का पूरा विवरण (विस्तार से)
📍 स्थान: दुर्ग जिला, थाना – मोहन नगर
📅 घटना का खुलासा: नवरात्रि मेले के दौरान शुरू हुई घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता खुद थाने पहुंची।

1. घटना की पृष्ठभूमि
- पीड़िता मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले की रहने वाली है।
- वह नौकरी की तलाश में थी और कटनी स्टेशन पर उसकी मुलाकात आरोपी प्रीति बेसरा नामक महिला से हुई।
- प्रीति ने उसे यह कहकर झांसा दिया कि दुर्ग में “अच्छी सैलरी वाली नौकरी” दिला देगी।

2. कैसे हुआ शोषण
- आरोपी प्रीति बेसरा पीड़िता को दुर्ग लेकर आई, जहां दूसरी महिला सीमा सोनी पहले से जुड़ी हुई थी।
- दोनों ने मिलकर नाबालिग लड़की के आपत्तिजनक फोटो खींचे और वीडियो बनाए, फिर उन्हीं फोटो को दिखाकर उसे धमकाया कि यदि वह विरोध करेगी तो वे फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे।
- इसके बाद पीड़िता को घर में बंधक बनाकर देह व्यापार के लिए मजबूर किया गया।
3. पीड़िता का साहसिक कदम
- किसी तरह मौका पाकर पीड़िता वहां से भाग निकली और सीधे मोहन नगर थाने पहुंची।
- उसने पूरी आपबीती पुलिस को बताई, जिसके बाद तत्काल मामला दर्ज किया गया।
⚖️ कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने किन धाराओं में मामला दर्ज किया:
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएँ –
- धारा 370: मानव तस्करी
- धारा 342: अवैध रूप से बंधक बनाना
- धारा 506: धमकी देना
- पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) – क्योंकि पीड़िता नाबालिग है।
- अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 (Immoral Traffic Prevention Act) – देह व्यापार कराने से जुड़ी धाराएँ।
गिरफ्तारी:
- आरोपी प्रीति बेसरा और सीमा सोनी दोनों को गिरफ्तार किया गया।
- पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार किया।
- अदालत में पेश करने के बाद दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
👮♀️ पुलिस की भूमिका और विवेचना
- मोहन नगर पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
- पुलिस ने पीड़िता के बताए पते पर छापा मारकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस मामले में किसी और व्यक्ति या नेटवर्क की भी संलिप्तता है।
- पीड़िता को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है और उसके पुनर्वास व मनोवैज्ञानिक सहायता की व्यवस्था की गई है।
🧩 घटना के सामाजिक पहलू
- यह मामला दिखाता है कि कैसे नाबालिग लड़कियाँ नौकरी या बेहतर जीवन के झांसे में आकर मानव तस्करों का शिकार बन जाती हैं।
- आरोपी महिलाओं द्वारा यह अपराध किया जाना भी चिंताजनक है — यह इंगित करता है कि सेक्स रैकेट्स अब महिलाओं की आड़ में संचालित किए जा रहे हैं ताकि शक कम हो।
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई और पीड़िता का साहसिक कदम इस बात का उदाहरण है कि रिपोर्ट करने से अपराधियों को सजा दिलाई जा सकती है।
💬 राज्य स्तर पर प्रभाव और आवश्यकता
- इस घटना ने मानव तस्करी और बाल यौन शोषण के खिलाफ कड़े उपायों की जरूरत पर फिर से ध्यान खींचा है।
- ऐसे मामलों में राज्य सरकार को:
- रेलवे स्टेशन व मेलों में एंटी-ट्रैफिकिंग यूनिट की सक्रियता बढ़ानी चाहिए।
- जॉब ऑफर या “अच्छी सैलरी” के बहाने महिलाओं को फंसाने वाले गिरोहों पर निगरानी रखनी चाहिए।
- पीड़िताओं के लिए काउंसलिंग और पुनर्वास केंद्रों की पहुंच आसान बनानी चाहिए।
🟢 सारांश
बिंदु | विवरण |
---|---|
स्थान | दुर्ग, मोहन नगर थाना |
मुख्य आरोपी | प्रीति बेसरा, सीमा सोनी |
पीड़िता | नाबालिग, अनुपपुर (म.प्र.) निवासी |
अपराध का स्वरूप | जबरन देह व्यापार, मानव तस्करी, धमकी |
कानूनी कार्रवाई | POCSO, ITPA और IPC की कई धाराएँ |
स्थिति | दोनों आरोपी जेल भेजी गईं, पीड़िता सुरक्षित |
पुलिस की भूमिका | तुरंत कार्रवाई, गिरफ़्तारी, जांच जारी |