छत्तीसगढ़

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरे का आज दूसरा दिन..

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (दौरे के दूसरे दिन) जगदलपुर जाकर बस्तर दशहरा के मुख्य अनुष्ठानों में भाग लेंगे — वे माँ दंतेश्वरी मंदिर में पूजा करेंगे, मुरिया दरबार/मंचीय कार्यक्रम में शामिल होकर बस्तर की जनता को संबोधित करेंगे और वहाँ नक्सल-मुक्त करने के संकल्प को दुहराएंगे।

क्या-क्या होगा (आपके दिए हुए समय के अनुसार)

  • सुबह 11 बजे रायपुर एयरपोर्ट से जगदलपुर के लिए रवाना होने के बाद वे दोपहर में जगदलपुर पहुंचकर माँ दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और फिर मुरिया दरबार (Muria Darbar) व लाल बाग के मंचीय/प्रदर्शनी कार्यक्रम में शामिल होंगे — इसी दौरान वे जनता को संबोधित करेंगे और बस्तर को नक्सल-मुक्त करने के संकल्प को फिर से दोहराएंगे। (स्थानीय रिपोर्ट्स में यही मुख्य रूपरेखा दी जा रही है)।

मुरिया दरबार / बस्तर दशहरा — इसका महत्व

  • बस्तर दशहरा 75 दिन चलने वाला प्राचीन त्योहार है और इसमें मुरिया दरबार जैसी परंपराएँ मुख्य हैं — इस दरबार में आदिवासी प्रतिनिधि (मुरिया, manjhi, chalki इत्यादि) परंपरागत तरीके से शासन/समाज से अपने मसले उठाते हैं। अमित शाह का इसमें शामिल होना इसलिए ऐतिहासिक माना जा रहा है (रिपोर्ट्स के मुताबिक वे पहले केंद्रीय मंत्री हैं जो मुरिया दरबार में भाग ले रहे हैं)।

सुरक्षा और नक्सल-संदर्भ

  • अमित शाह का बस्तर दौरा सिर्फ सांस्कृतिक नहीं — उस पर सुरक्षा समीक्षा और नक्सल-रोधी अभियानों का भी फोकस है। उनके दौरे के आसपास सुरक्षा-बंदोबस्त और सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकें रखी गई हैं; केंद्रीय व राज्य बलों का तालमेल और ऑपरेशनल प्रगति पर चर्चा अपेक्षित है।
  • हाल के दिनों में सुरक्षा अभियानों और नीति-दखल की वजह से कुछ बड़े नतीजे भी रिपोर्ट हुए हैं — उदाहरण के तौर पर Bijapur में 103 नक्सलियों के आत्मसमर्पण जैसी घटनाएँ भी इस दौर के संदर्भ में आई हैं; यही माहौल यह संदेश देता है कि राह में मिली सफलताओं और जारी रणनीति का आकलन आज के कार्यक्रम का हिस्सा हो

पृष्ठभूमि और व्यापक मकसद

केंद्र-राज्य का संयुक्त लक्ष्य (रिपोर्टों में) नक्सलवाद को लेकर एक समयसीमा के साथ काम करना है — इस दिशा में ऑपरेशनल हासिलियाँ, आत्मसमर्पणों की संख्या और पोस्ट-कॉनफ्लिक्ट विकास/पुनर्वास योजनाएँ भी चर्चा के विषय होंगी। हाल के ऑपरेशनों में कुछ बड़े नतीजे (कई नक्सलियों की गिरफ्तारी/निजीकरण/कमान्डर नुकसान) का जिक्र भी मीडिया बता रहा है, जो इस मिशन की मजबूती दिखाता है।

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