क्राइम
कलिंगा यूनिवर्सिटी में डिप्टी मैनेजर जयश्री वर्मा से 5.20 लाख की ऑनलाइन ठगी,

यह घटना स्पष्ट करती है कि किस तरह सोशल मीडिया पर वर्क‑फ्रॉम‑होम के आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से भी किसी प्रतिष्ठित पद पर तथा सक्षम व्यक्ति ठगी का शिकार बन सकते हैं।
🔍 मामला: क्या हुआ?
- पीड़िता: जयश्री वर्मा, जो रायपुर की निवासी हैं और कलिंगा यूनिवर्सिटी में डिप्टी मैनेजर (Career & Corporate Resource Centre) के पद पर कार्यरत हैं।
- ठगी का तरीका:
- 4 अप्रैल 2025 को इंस्टाग्राम पर वर्क‑फ्रॉम‑होम (Work From Home) का विज्ञापन देखा।
- धोखेबाजों ने शुरुआत में उन्हें 180 रुपये वेलकम बोनस, बाद में 17 टास्क पूरे करने पर 200 रुपये दिए।
- फिर उन्हें ‘क्रूड ऑयल ग्रुप’ में ले जाकर निवेश बढ़ाने का झांसा दिया गया।
- निवेश और नुकसान:
- मिजोरम रूरल बैंक, HDFC और ICICI जैसे खाते दिखाकर उन्होंने जयश्री से 0.8 लाख से 1.45 लाख तक की ट्रांसफर राशि ली।
- लगातार झांसे दिए गए, जिसमें निवेश पर 30% मुनाफे का वादा भी किया गया।
- 7–8 अप्रैल के बीच जयश्री ने अतिरिक्त रुपये ट्रांसफर किए: 40,000, 80,000, तथा फिर 1.45 लाख। लेकिन उन्हें सिर्फ 10,000 रुपए ही वापस मिले।
- धोखाधड़ी का एहसास:
अकाउंट ब्लॉक होने का बहाना देकर और अधिक राशि मांगने लगे—तब जयश्री को समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो गई हैं। - शिकायत दर्ज:
उन्होंने था. खमतराई, रायपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराई, साथ ही साइबर पोर्टल पर भी रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज करके जांच प्रारंभ कर दी है।

📝 महत्वपूर्ण बिंदू
घटना की रूपरेखा
खंड | विवरण |
---|---|
ठगी का माध्यम | इंस्टाग्राम वर्क‑फ्रॉम‑होम विज्ञापन |
प्रारंभिक प्रलोभन | वेलकम बोनस और छोटे टास्क |
प्रस्तोता समूह | ‘क्रूड ऑयल ग्रुप’ |
निवेश प्रक्रियाएँ | क्रमिक रूप से बढ़ते ट्रांसफर |
शिकायत स्थल | थाना खमतराई, साइबर पोर्टल |
पुलिस कारवाई | मामला दर्ज, जांच जारी |
⚠️ सीख और सावधानियाँ
- सोशल मीडिया विज्ञापनों पर भरोसा न करें: वादा यह हो कि यह काम आसान है, पर ठगी का मूल तरीका यही होता है।
- पहले लाभ देना, फिर निवेश की मांग करना: शुरूआती छोटे भुगतान भरोसा बिनाने के लिए होता है।
- भ्रामक बैंक खातों का इस्तेमाल: विभिन्न बैंक अकाउंट का उल्लेख करके पैसा ट्रांसफर करने को प्रेरित किया गया।
- शिकायत तुरंत दर्ज करें: जैसे ही स्कैम की आशंका हो, स्थानीय थाने और साइबर पोर्टल पर अपनी बात दर्ज कराएं।
✅ निष्कर्ष
कलिंगा यूनिवर्सिटी की डिप्टी मैनेजर जयश्री वर्मा के साथ हुई यह घटना यह दर्शाती है कि छल-कपट कितनी टेक्नोलॉजी के बीच भी सरलतापूर्वक हो सकता है। शुरुआत में छोटे-छोटे ट्रांसफरों से भरोसा जीतकर, अंततः बड़ी राशि लेकर स्कैम किया गया।
पुलिस अब मामला दर्ज कर चुकी है और साइबर विशेषज्ञ मामले की जांच में जुटे हुए हैं।