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काजोल की पहली हॉरर फिल्म “मां” आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई….

मनोरंजन l काजोल की पहली हॉरर फिल्म “मां” आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई है। ट्विटर पर फिल्म को “दमदार”, “डरावनी और इमोशनल” बताया जा रहा है। यह फिल्म एक मां की आत्मा और उसके बलिदान की कहानी है।
- निर्देशक: विशाल फुरिया (जिन्होंने छोरी फ्रेंचाइज़ी बनाई थी), जिन्होंने पौराणिक कथाओं को हॉरर स्टाइल में पेश किया है
- स्टोरी: कहानी पश्चिम बंगाल के काल्पनिक गाँव चंद्रपुर की है, जहाँ लड़कियों की बलि देने की भयानक प्रथा चल रही है। काजोल (अंबिका) अपने पति (इंद्रनील सेनगुप्ता) और बेटी (खेरिन शर्मा) के साथ गाँव लौटती है और भूत-प्रेत और राक्षसों से जूझती है, अपने बच्चे को बचाने के लिए माँ की शक्तिशाली छवि उजागर करती है .

🌟 काजोल की दमदार परफॉर्मेंस
- ट्विटर पर दर्शक उन्हें “भयभीत करने वाली”, “ग्रिपिंग” और “फियरलेस” कह रहे हैं ।
- कोइमोई ने लिखा: “Kajol gives a superb performance as the harangued mother … Without her, this movie would have been a shipwreck!”
- नवभारत टाइम्स एवं जनसत्ता जैसी हिंदी समीक्षा साइटों ने भी कहा कि काजोल ने माँ अंबिका का किरदार जी-जान से निभाया, उनकी आँखों में जो भावना दिखी वह स्क्रीन पकड़कर रखती है
👥 बाकी कलाकार और तकनीकी पक्ष
- रोनित रॉय सरपंच/राक्षस अमसजा की भूमिका में जबरदस्त लुक और अभिनय लाते हैं
- इंद्रनील सेनगुप्ता और खेरिन शर्मा (बेटी) ने अच्छा प्रदर्शन दिया, हालांकि खेरिन पर कुछ समीक्षकों ने यह टिप्पणी की कि उनका अभिनय थोड़ी सपाट लग सकता है ।
- बैकग्राउंड स्कोर और VFX की समीक्षा मिली-जुली रही — कहीं इसे प्रभावी बताया गया, तो कहीं कहा गया कि डर का असर उतना गहरा नहीं रहा।
🎬 समीक्षा और प्रतिक्रिया
- बॉक्स ऑफिस ट्रेड एनालिस्ट रोहित जैसवाल ने अनुमान लगाया कि इसमें ₹6–8 करोड़ की ओपनिंग होगी, जो हालिया महिला-लीड फिल्में जैसे छपाक या इंदू की जवानी से बेहतर हो सकती है ।
- हिंदी मीडिया के रिव्यू:
- नवभारत टाइम्स: ⭐️2.5/5 — कहती है कहानी ऐतिहासिक और सोच-समाज पर वार करती है, लेकिन हॉरर एलिमेंट थोड़े कमजोर
- ABP Live: ⭐️3/5 — कई ट्विस्ट एंड टर्न हैं, VFX अच्छे, लेकिन पूरी तरह ट्रेलर-जैसी ताकत नहीं
- HT: “सभी सही तत्व मौजूद, पर डराने का कड़क असर भूल गए” ।
- ज़रूर देखें, अगर आप:
- माँ की मातृशक्ति और सामाजिक संदेश (जैसे “बेटी बचाओ” अभियान) में रुचि रखते हैं ।
- काजोल का एक नया, अलग और दमदार किरदार देखना चाहते हैं — उनकी स्टाइल और दृढ़ता ने कई समीक्षकों को प्रभावित किया है।
- विचार करें, अगर आप:
- खासतौर से जंप सिक्र डरावना हॉरर चाहते हैं; कई समीक्षकों ने इसे सिर्फ “दर्जेदार” बताया है।
- तरह-तरह की हॉरर फिल्में देख चुके हैं और कुछ नया या गहरा अनुभव चाहते हैं।
🎬 निष्कर्ष
- काजोल का शानदार अभिनय और रिश्ते की ताकत फिल्म की जान हैं।
- कहानी में सामाजिक संदेश और पौराणिक पहलू इसे सिर्फ़ डरावनी फिल्म से अलग बनाते हैं।
- लेकिन प्लॉट में कुछ प्रेडिक्टेबल और धीमा पेस इसे परफेक्ट हॉरर नहीं बनने देता।