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इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जॉफ़्रा आर्चर को ईडजबैस्टन में होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया है,

  • इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जॉफ़्रा आर्चर को ईडजबैस्टन में होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया है, जो 2 जुलाई से शुरू हो रहा है
  • दूसरी ओर, भारत की गेंदबाज़ी पंक्ति पर दोहरी स्पिन का दबाव है – वाशिंगटन सुंदर के पक्ष में चर्चा तेज़ है, जबकि जसप्रीत बुमराह की प्लेइंग-XI में जगह अभी संदेहास्पद बनी हुई है ।

भारत की गेंदबाज़ी पंक्ति – संकट और रणनीति

🔶 1. जसप्रीत बुमराह की फिटनेस/फॉर्म पर संदेह

  • बुमराह को पहले टेस्ट में अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं मिली, और तेज़ गेंदबाज़ी में उनका लय टूटता दिखा।
  • अभ्यास सत्रों में उन्हें सीमित ओवर ही गेंदबाज़ी करते देखा गया है, जिससे अंदेशा है कि उनकी फिटनेस पूरी तरह मैच-फिट नहीं है।
  • अगर वे बाहर बैठते हैं, तो मोहम्मद सिराज और मुकेश कुमार की जोड़ी मुख्य तेज़ गेंदबाज़ी जिम्मेदारी निभा सकती है।

🔶 2. दोहरी स्पिन का विकल्प – वाशिंगटन सुंदर की एंट्री की संभावना

  • ईडजबैस्टन की पिच पारंपरिक रूप से तेज़ गेंदबाज़ों को मदद करती रही है, लेकिन इस बार पिच में घास कम है और मौसम शुष्क बताया जा रहा है – इससे स्पिनर को मदद मिल सकती है।
  • रवींद्र जडेजा के साथ वाशिंगटन सुंदर को दूसरे स्पिनर के रूप में लाने पर गंभीर विचार हो रहा है:
    • सुंदर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ प्रभावी रहे हैं, और इंग्लैंड की टॉप ऑर्डर में ऐसे बल्लेबाज़ मौजूद हैं।
    • इसके अलावा वह उपयोगी बल्लेबाज़ भी हैं – नंबर 7 पर स्थिरता ला सकते हैं।
  • कुलदीप यादव को भी विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर अगर भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरना चाहे।

🔶 3. संभावित भारतीय गेंदबाज़ी लाइनअप (अगर बुमराह बाहर होते हैं):

  1. मोहम्मद सिराज (तेज़)
  2. मुकेश कुमार (तेज़)
  3. रवींद्र जडेजा (स्पिन)
  4. वाशिंगटन सुंदर (स्पिन + ऑलराउंडर)
  5. शार्दुल ठाकुर (तेज़ + बल्लेबाज़ी विकल्प)

🏴 इंग्लैंड की गेंदबाज़ी – आर्चर की वापसी से मिली ताक़त

🔷 1. जॉफ़्रा आर्चर की वापसी:

  • आर्चर को लंबे समय बाद इंग्लैंड टीम में शामिल किया गया है – उनकी तेज़ गति, बाउंसर और स्विंग की क्षमता भारत के खिलाफ खतरनाक हो सकती है।
  • ईडजबैस्टन की परिस्थितियां उनकी गेंदबाज़ी शैली के लिए अनुकूल हैं।

🔷 2. बेंच स्ट्रेंथ को भी मिली गहराई:

  • आर्चर की मौजूदगी से मार्क वुड और क्रिस वोक्स को रोटेशन की सुविधा मिलेगी।
  • इंग्लैंड अब चार फ्रंटलाइन तेज़ गेंदबाज़ों (आर्चर, एंडरसन, रॉबिन्सन, वोक्स/वुड) को लेकर उतर सकता है, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ों की परीक्षा तय है।

🔍 निष्कर्ष:

  • भारत को जहां तेज़ गेंदबाज़ी की सीमितता और बुमराह की संभावित अनुपस्थिति से जूझना पड़ रहा है, वहीं इंग्लैंड की गेंदबाज़ी इकाई आर्चर की वापसी से और भी अधिक संतुलित हो गई है।
  • भारत को पिच की स्थिति, मौसम और इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाज़ी को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट संयोजन बनाना होगा — खासकर गेंदबाज़ी और निचले क्रम की बल्लेबाज़ी संतुलन के साथ।

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