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जीआईएस-25 के पहले दिन 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ के निवेश प्रस्ताव,

जीआईएस-25 के पहले दिन 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 13 लाख 43 हजार 468 रोजगार सृजन का वादा


भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS-25) की धमाकेदार शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सोमवार को राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित इस समिट के पहले दिन बड़े पैमाने पर निवेश प्रस्ताव सामने आए। पहले ही दिन 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल और एमओयू साइन किए गए, जिससे 13 लाख 43 हजार 468 रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।



ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पहले ही दिन निवेशकों ने विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की प्रतिबद्धता जताई। सबसे ज्यादा निवेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, डीआईपीआईपी, खनिज संसाधन, शहरी विकास, ऊर्जा और पर्यटन जैसे सेक्टर्स में देखने को मिला।


(विजुअल: निवेशकों के बयान, एमओयू साइनिंग के क्लोज़ शॉट्स)
अगर सेक्टर-वाइज निवेश की बात करें तो नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे अधिक 5.21 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, जिससे 1.46 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे। वहीं, डीआईपीआईपी सेक्टर में 4.94 लाख करोड़ की पूंजी निवेश के साथ 3.04 लाख रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है।



इसी तरह, खनिज एवं संसाधन विभाग को 3.22 लाख करोड़, शहरी विकास एवं आवास को 1.97 लाख करोड़, ऊर्जा विभाग को 1.47 लाख करोड़, और पर्यटन सेक्टर में 64,850 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में भी निवेशकों ने रुचि दिखाई।



बड़े कॉरपोरेट हाउस भी इस समिट में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अडाणी समूह ने अकेले 2.10 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया है, जिससे 12,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। समिट के पहले दिन कुल 22.50 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए हैं, जो मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।


मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल राज्य को निवेश का हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। अब निगाहें दूसरे दिन पर हैं, जब और भी बड़े निवेशक अपनी योजनाओं का खुलासा करेंगे। देखना होगा कि GIS-25 से राज्य को कितना वास्तविक निवेश मिलता है और किस तरह से यह रोजगार सृजन में योगदान देता है।

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