देश
ECI का Nationwide SIR: क्या बदल रहा है?

➤ 1. बिहार से पूरे देश में SIR की शुरूआत
- 24 जून 2025 को ECI ने विशेष रूप से बिहार में Special Intensive Revision (SIR) प्रारंभ किया, जिसमें 1 जुलाई 2025 को qualifying date निर्धारित थी। इसका उद्देश्य है बीमार, प्रवासी, डुप्लीकेट या मृत वोटर को चिन्हित करना और केवल पात्र मतदाताओं को वोटिंग लिस्ट में शामिल करना
- इसके बाद, ECI ने निर्णय लिया कि यह Revision पूरे देश में लागू किया जाएगा, और राज्यों को विस्तृत प्रक्रिया और समय-सारणी जल्द ही दी जाएगी ।

➤ 2. बिहार SIR पर मिले आंकड़ों से स्पष्टता
- ECI की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में करीब 52 लाख वोटर नामांकन में असंगत पाए गए:
- 26 लाख नाम व दूसरी जगह दर्ज
- 7 लाख नाम दो स्थानों पर
- 18 लाख मृत मतदाता
- 11,484 गो पता ही नहीं चल पाया (untraceable) ।
- 7.89 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 90% ने Enumeration Form जमा किए (EF), 97.3% वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है, लेकिन लगभग 21 लाख फॉर्म अब भी लंबित हैं ।
➤ 3. प्रक्रिया और समय-सारणी
- House-to-house सर्वे Booth Level Officers (BLOs) द्वारा ज़िम्मेदारी से किया जा रहा है।
- डिजिटल माध्यम की सहूलियत — ECINET पोर्टल पर फॉर्म, दस्तावेज़ अपलोड किए जा सकते हैं।
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त, सुधार अवधि 1 सितंबर तक, और फाइनल लिस्ट 30 सितंबर तक जारी होनी है ।
➤ 4. पहचान दस्तावेज़ों पर विवाद
- ECI ने स्पष्ट किया है कि चुनाव पंजीकरण के लिए केवल 11 विशिष्ट दस्तावेज स्वीकार किए जायेंगे, आधार कार्ड, EPIC या राशन कार्ड इसे शामिल नहीं हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि संभवतः इन्हें वैध दस्तावेज़ मानने विचार किया जाना चाहिए, विशेष रूप से SIR 2003 और उसके बाद पंजीकृत मतदाताओं के लिए।
🧭 SIR की राजनीतिक प्रतिक्रिया
➤ समर्थन (सरकार और NDA स्तर का दावा)
- NDA साझेदारों (जैसे JD(U), BJP) ने ECI की इस प्रक्रिया को पारदर्शी और आवश्यक बताया, कहा कि यह लंबे समय से गड़बड़ लिस्ट की सफाई के लिए जरूरी कदम था।
- Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar ने सार्वजनिक विरोध के बीच स्पष्ट किया कि क्या मृत या विदेशी वोटर को वोट डायरेक्ट देना लोकतांत्रिक होगा? उन्होंने ECI के अधिकार को सख्ती से बचाया।
➤ विरोध (INDIA ब्लॉक और विपक्ष)
- कांग्रेस, RJD, TMC सहित विपक्ष ने SIR को राजनीतिक लाभ के लिए आरोपित करते हुए संसद और बिहार विधानसभा में निरंतर विरोध प्रदर्शन किए ।
- कई नेताओं ने कहा कि प्रक्रिया विशेषकर रोशनी से वंचित, प्रवासी और गरीब मतदाताओं पर बोझ डालती है — क्योंकि उन्हें समय में 11 दस्तावेज़ इकट्ठा करना मुश्किल होगा ।
📋 सारांश तालिका
पहलुओँ | विवरण |
---|---|
Why SIR? | गरीबी, प्रवासन और पुरानी, त्रुटिपूर्ण वोटर लिस्ट के सुधार के लिए |
Scope | बिहार से शुरुआत, अब पूरे देश में लागू |
प्रक्रिया | House‑to‑house enumeration, digital फॉर्म्स, पार्टियों की भागीदारी |
प्रमुख विवाद | पहचान दस्तावेज़ों का चयन, दस्तावेज़ों की कमी से संभावित बहिष्करण |
समय-सारणी | Draft – 1 अग, सुधार अवधि – 1 से 1 सितंबर, Final – 30 सित॰ |
राजनीतिक स्थिति | NDA इसे आवश्यक कार्रवाई मानता है; विपक्ष इसे वोट बं’दी का आरोप बोलता है |
SC Intervention | SIR जारी रहेगी, लेकिन दस्तावेज़ स्वीकार्यता पर पुनर्विचार हेतु सुझाव दिया गया। अगली सुनवाई 28 जुलाई को है। |
🧩 निष्कर्ष
- बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया की राष्ट्रीय स्तर पर तर्ज पर विस्तार हो चुका है।
- प्रयास यह सुनिश्चित करने का है कि सभी पात्र नागरिकों का नाम वोटर लिस्ट में हो और असंवैधानिक प्रविष्टियाँ साफ हों।
- हालांकि, दस्तावेज़-संबंधी परिचालन और संवेदनशील वर्गों की भागीदारी पर गंभीर राजनीतिक विवाद मौजूद हैं।
- ECI ने सुप्रीम कोर्ट से आदेशानुसार आगे की कार्यवाही की अनुमति मांगी है।