उत्तर प्रदेशराजनीति
डॉ. लालजी निर्मल का सपा और अखिलेश यादव पर हमला

प्रसंग
- उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला।
- उन्होंने आरोप लगाया कि सपा दलितों और पिछड़े वर्गों की हितैषी नहीं बल्कि विरोधी रही है।
मुख्य आरोप
- प्रोन्नति में आरक्षण खत्म करना
- डॉ. निर्मल के अनुसार, अखिलेश यादव ने जब यूपी के मुख्यमंत्री रहते थे, तब दलित कर्मचारियों को प्रोन्नति (promotion) में मिलने वाला आरक्षण समाप्त कर दिया था।
- उनका कहना है कि यदि अखिलेश चाहते तो दलितों के साथ-साथ ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) के कर्मचारियों को भी प्रोन्नति में आरक्षण का लाभ दिला सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
- आरक्षण बिल का विरोध
- उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के ही सांसद ने लोकसभा में दलित कर्मचारियों के प्रोन्नति में आरक्षण से जुड़े बिल को फाड़ दिया था।
- यह कदम सपा की वास्तविक सोच को दर्शाता है।
- अम्बेडकर विरोधी रुख
- डॉ. निर्मल ने आरोप लगाया कि सपा के कई नेता पहले भी डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर अपमानजनक टिप्पणियाँ करते रहे हैं।
- ऐसे में अब अखिलेश यादव का अंबेडकर और आरक्षण की बात करना केवल राजनीतिक स्वार्थ और वोट पाने की रणनीति है।

राजनीतिक संदेश
- डॉ. निर्मल का यह बयान साफ तौर पर सपा और अखिलेश यादव की दलित राजनीति पर सवाल उठाता है।
- उनका तर्क है कि सपा की नीतियाँ और कार्यवाही हमेशा से दलितों और पिछड़ों के खिलाफ रही हैं, जबकि अब चुनावी फायदा पाने के लिए आरक्षण और अंबेडकर की दुहाई दी जा रही है।
यह बयान सीधे-सीधे दलित वोट बैंक को साधने और सपा को घेरने की राजनीतिक कोशिश माना जा रहा है।