धान खरीदी पंजीयन का आज अंतिम दिन: किसानों के लिए राहत, प्रशासन के लिए चुनौती ….

कोरबा जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के लिए धान खरीदी पंजीयन की बढ़ी हुई समयसीमा का आज अंतिम दिन है। सरकार द्वारा यह अतिरिक्त समय किसानों के लिए बड़ी राहत बनकर आया है, खासकर उन किसानों के लिए जो किसी भी कारणवश समय पर पंजीयन नहीं करा पाए थे या जिनके दस्तावेज अधूरे थे।

📌 क्यों बढ़ानी पड़ी पंजीयन की तिथि?
धान खरीदी शुरू होने के बाद 31 अक्टूबर को पोर्टल बंद
- एकीकृत किसान पोर्टल 31 अक्टूबर को बंद कर दिया गया था।
- लेकिन बड़ी संख्या में किसान—
- डूबान क्षेत्र के
- वनपट्टाधारी
- और अन्य पात्र किसान
पंजीयन से वंचित रह गए थे।
किसानों की मांग और वास्तविक कठिनाइयाँ
- कई किसानों के वनपट्टे हाल ही में स्वीकृत हुए थे।
- कुछ खेत डूबान क्षेत्र में हैं, जिनकी पात्रता स्पष्ट करने में देरी हुई।
- कई किसानों के दस्तावेज अधूरे थे या सुधार की आवश्यकता थी।
इन वास्तविक समस्याओं को देखते हुए सरकार ने 19 से 25 नवंबर तक पोर्टल को दुबारा सक्रिय किया।
📅 19–25 नवंबर: अतिरिक्त समय का बड़ा लाभ
इस अवधि में किसानों को तीन मुख्य सुविधाएँ दी गईं—
1️⃣ नई पंजीयन (New Registration)
पहली बार धान बेचने के योग्य किसानों को नई प्रविष्टि का मौका मिला।
2️⃣ कैरी फारवर्ड (Carry Forward)
पहले पंजीकृत किसान, जिनका नाम किसी कारणवश नहीं आ पाया था, उन्हें पुनः शामिल किया गया।
3️⃣ फसल रकबे में संशोधन
रकबा गलत दर्ज होने जैसी समस्याओं का भी समाधान किया गया।
📍 आज अंतिम दिन: लोक सेवा केंद्रों में भारी भीड़
- पिछले दो दिनों से लोक सेवा केंद्र (LSC), तहसील कार्यालय और पंजीयन केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
- किसान अपने दस्तावेजों को ठीक करवाने और पंजीयन पूरा करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
- राजस्व अमले को निर्देश दिए गए हैं कि समयसीमा के भीतर अधिकतम किसानों का पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।
📑 प्रशासन की ओर से महत्वपूर्ण निर्देश
कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है कि—
- तहसील लॉगिन को सक्रिय कर दिया गया है।
- राजस्व कर्मचारी निर्धारित समय में सुधार और नए पंजीयन कराने के लिए जिम्मेदार हैं।
- किसी भी पात्र किसान को वंचित न होने दिया जाए।
- किसानों की समस्याएँ मौके पर ही दूर करने की कोशिश की जाए।
🌾 किन किसानों को सबसे बड़ी राहत मिली?
✔ डूबान क्षेत्र के किसान
जिनकी भूमि जलाशयों/बांधों के जलभराव क्षेत्र में आती है।
✔ वनपट्टाधारी किसान
जिन्हें हाल ही में खेती के लिए वनाधिकार पट्टे मिले हैं।
✔ दस्तावेज सुधार वाले किसान
जिनके नाम, रकबे या KYC में गलती थी।
✔ पंजीयन से वंचित सामान्य किसान
जो किसी कारणवश पहले पंजीयन नहीं करा पाए।
📌 निष्कर्ष
- सरकार के इस निर्णय से हजारों किसानों को बड़ी राहत मिली है।
- अतिरिक्त समय के कारण यथासंभव अधिकतम पात्र किसान अब धान खरीदी में शामिल हो सकेंगे।
- हालांकि आज अंतिम दिन होने के कारण केंद्रों पर भारी भीड़ और दबाव बना हुआ है।
यह कदम सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र किसान धान बेचने के अधिकार से वंचित न रहे।



