छत्तीसगढ़

धान खरीदी 15 नवम्बर 2025 से शुरू होगी….

मुख्य घोषणा — तारीख, अवधि और दर

  • धान खरीदी 15 नवम्बर 2025 से शुरू होगी।
  • सरकार ने 15 नवम्बर से 31 जनवरी 2026 तक खरीदी सत्र रखें जाने की रूपरेखा तय की है।
  • प्रारंभिक समर्थन मूल्य/दर ₹3,100 प्रति क्विंटल (राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में तय)।

CM (विष्णु देव साय) ने अधिकारियों को जो निर्देश दिए हैं — संक्षेप में

  • अधिकारियों को आदेश दिया गया कि सभी 2,739 उपार्जन (खरीदी) केंद्रों में आवश्यक तैयारी पूरी की जाए। (केंद्रों की संख्या और कवरेज पहले से तय)।
  • खरीदी केंद्रों पर किसानों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएँ — जैसे बारदाना (बिग-बैग/बोरियाँ), फड़/चबूतरा, पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था, शेड/रैन-प्रोटेक्शन, शौचालय तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सहायता।
  • भुगतान-तंत्र को द्रुत और पारदर्शी बनाने के निर्देश — प्राथमिक लक्ष्य 6–7 दिनों के अंदर भुगतान सुनिश्चित करना बताया गया है।
  • टोकन/ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग (‘तुहर टोकन’ ऐप) के माध्यम से बुकिंग/पसंदीदा स्लॉट की व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है; कई किसानों ने ऐप डाउनलोड कर लिया है और कुछ को टोकन जारी भी हुए हैं।

प्रशासनिक-तकनीकी व्यवस्थाएँ / निगरानी

  • इ-केवाईसी/AgriStack आधारित पंजीकरण और डिजिटल खेत सर्वे पहले से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि खरीद-लेनदेन में पारदर्शिता रहे।
  • एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल-सेंटर और जिला-स्तरीय निगरानी टीमों के माध्यम से प्रक्रिया-निगरानी की व्यवस्था की जाएगी ताकि अवैध/अनाधिकृत धान के प्रवाह को रोका जा सके।

जमीन पर हाल-ए-स्थिति — सफलताएँ और झंझटें (रिपोर्ट के अनुसार)

  • सफलता: राज्य में लगभग 2 लाख किसान तक ने ‘तुहर टोकन’ ऐप डाउनलोड किया; 18,000 से अधिक किसानों को टोकन जारी किये जाने की खबरें आई हैं — यानी डिजिटल रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई है।
  • चुनौती: कुछ सहकारी सोसाइटी के कर्मचारियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों और प्रबंधकों की हड़ताल/आंदोलन के कारण स्थानीय स्तर पर मानव-शक्ति कमी और लॉजिस्टिक बाधाएँ रहें — सरकार वैकल्पिक कर्मचारियों (अन्य विभाग/अधिकारी) से व्यवस्था चलाने का दावा कर रही है, पर पटवारियों और कुछ अधिकारियों की असहमति भी रिपोर्ट हुई है।

किसानों पर असर — क्या उम्मीद रखें

  • यदि व्यवस्थाएँ जैसे-जैसे लागू हों, तो किसान 6–7 दिनों के भीतर भुगतान, टोकन-आधारित अनुक्रम और पारदर्शी तौल प्रणाली की वजह से सुविधाजनक बिक्री का अनुभव कर पाएँगे।
  • जोड़े हुए जोखिम: कर्मचारी हड़ताल, तौल-उपकरण की कमी, परिवहन-समस्याएँ या स्थानीय परिचालन-गड़बड़ी शुरुआती दिनों में देरी कर सकती हैं — इसलिए जिन किसानों ने अभी तक पंजीकरण/टोकन नहीं लिया है वे स्थानीय उपार्जन केन्द्र पर स्थिति और वैकल्पिक दिन-समय की जानकारी पहले कर लें।

जिलों/समिति के लिए त्वरित चेकलिस्ट (अधिकारी/कलेक्टर कार्यालय उपयोग हेतु)

  1. बारदाना/बैग व चबूतरा-शेड — सभी केंद्रों पर न्यूनतम स्टॉक और शेड तैयार।
  2. तौल-मशीन (क्लासेड स्केल) और वजन सत्यापन — प्रमाणिक तौल की व्यवस्था व कैलिब्रेशन।
  3. ‘तुहर टोकन’ ऐप से स्लॉट-बूकिंग और टोकन वितरण — ऑन-फील्ड हेल्प-डेस्क ताकि डिजिटल असमर्थ किसानों को सहायता मिल सके।
  4. भुगतान प्रोसेसिंग टीम — ई-पेमेंट व बैंक कनेक्टिविटी, मॉक-पेमेंट रैंसम्स जाँच
  5. मानव-शक्ति बैकअप — यदि सहकारी कर्मचारी हड़ताल पर हों तो वैकल्पिक पदस्थापन सूची (राजस्व/पंचायत/अन्य विभाग) तैयार रखें — साथ में प्रशिक्षण शीघ्र दें
  6. निगरानी व लॉजिस्टिक्स — कंट्रोल-रूम, जिला MIS और सीमा-अधिकारियों के निर्देश।

किसानों के लिए व्यवहारिक सुझाव …

  • यदि आपने पंजीकरण नहीं कराया → आज ही ‘तुहर टोकन’ या जिला सहकारी कार्यालय में जाकर रजिस्टर/टोकन लें। (केंद्रों पर स्लॉट सीमित हो सकते हैं)।
  • बेचने से पहले धान की साफ-सफाई और सूखान सुनिश्चित करें ताकि नकारात्मक कट न लगे।
  • अपने नज़दीकी उपार्जन-केंद्र का फोन नंबर/समय/दिशा-निर्देश संभाल कर रखें; भीड़ से बचने के लिए सुबह के या निर्धारित स्लॉट का पालन करें।
  • भुगतान घंटे/बैंक प्रमाण (आधार-बैंक लिंक) चेक रखें ताकि भुगतान समय पर और बिना रुकावट पहुंचे।

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