धमतरी की माँ विंध्यवासिनी मंदिर के बावली स्थल का 36 साल बाद हो रहा सफाई,,,

धमतरी l धमतरी की आराध्य देवी माँ विंध्यवासिनी मंदिर के बावली स्थल का 36 साल बाद हो रहा सफाई, अब आकर्षक रूप पर दर्शन के लिए बावली स्थल तैयार होगा। धमतरी की आराध्यदेवी मां विंध्यवासिनी जिसे बिलाई माता भी कहा जाता है इस मंदिर परिसर में बंद पड़े बावली को 36 साल बाद सफाई के लिए खोला गया है।

अब इसे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए सुसज्जित किया जायेगा। मां विंध्यवासिनी ट्रस्ट के अध्यक्ष आनंद पवार ने बताया कि मंदिर परिसर में पुराना बावली है. जो 36 वर्षों से बंद रहा, बावली का महत्व सनातन धर्म में एक तीर्थ के रूप में है। ऐतिहासिक मंदिरों में बावली इसलिए रखा जाता था कि ज्योति कलश के समापन बाद पूजा आदि सामग्री को उसी बावली में विसर्जित कर दिया जाता था। उत्तर पूर्व जल क्षेत्र की बावली का एक अलग महत्व है जिसे लोग दर्शन करते हैं।

अन्य क्षेत्रों के मंदिर परिसर में भी बावली अभी भी है। मां विंध्यवासिनी मंदिर की बावली को ट्रस्ट के अध्यक्ष के अलावा अन्य सदस्यों की मौजूदगी में खोलकर सफाई करायी जा रही है। ट्रस्ट के अध्यक्ष आनंद पवार ने कहा कि इस बावली को सुरक्षित बनाकर कांच से ढंका जायेगा। लाईट आदि भी लागाये जायेंगे। ताकि भक्त दर्शन कर सके।

वहीं पंडित नारायण प्रसाद ने बताया कि बावली का विशेष महत्व होता है। विंध्यवासिनी मंदिर में स्थापित बावली सदियों पुरानी है यहां पर बिलाई माता में नवरात्र के दिनों में ज्योति कलस को विसर्जित किया जाता है. जिसे कोई भी व्यक्ति नही देखता है.
