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दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया जब राजधानी के 20 से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली..

नई दिल्ली | 18 जुलाई 2025
दिल्ली में एक बार फिर से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया जब राजधानी के 20 से अधिक स्कूलों को ईमेल के ज़रिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। यह इस तरह की लगातार तीसरी घटना है, जिससे अभिभावकों में भय, और प्रशासन में सतर्कता का माहौल बन गया है।

🔔 क्या हुआ? – घटना का विवरण:
- शुक्रवार सुबह दिल्ली के 20 से अधिक नामी स्कूलों को एक ही जैसे ईमेल प्राप्त हुए, जिसमें स्कूल परिसर में बम रखे होने की बात कही गई।
- जिन स्कूलों को धमकी मिली, उनमें कुछ नामचीन निजी स्कूल और सरकारी संस्थान भी शामिल हैं।
✉️ धमकी ईमेल में लिखा गया:
“स्कूल में विस्फोटक लगाया गया है। समय रहते खाली कर लो, वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहो।”
🚨 प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया:
- दिल्ली पुलिस, बॉम्ब स्क्वॉड, और फायर ब्रिगेड की टीमें तत्काल हर स्कूल में पहुंचीं।
- सभी स्कूलों को तुरंत खाली कराया गया, बच्चों और स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
- पूरे कैंपस में बॉम्ब डिटेक्शन यूनिट और स्निफर डॉग्स की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया गया।
🧪 अब तक की जांच में क्या पता चला?
- प्रारंभिक जांच में बम होने के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। अब तक की सभी धमकियाँ फर्जी (hoax) प्रतीत हो रही हैं।
- ईमेल की आईपी ट्रेसिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साइबर सेल और एनआईए जैसी एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।
🧒 छात्र-अभिभावकों में चिंता:
- स्कूल बंद होने की वजह से छात्रों और अभिभावकों में तनाव का माहौल है।
- कई माता-पिता ने कहा कि यह स्थिति अब आम हो चुकी है, और इससे बच्चों की मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।
🏫 पहले भी आ चुकी हैं ऐसी धमकियाँ:
- मई और जून 2024 में भी इसी तरह की बम की झूठी धमकियाँ दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को मिल चुकी हैं।
- उन मामलों में भी कोई विस्फोटक नहीं मिला था, लेकिन धमकियाँ भेजने वाले की पहचान नहीं हो सकी थी।
👮 पुलिस आयुक्त का बयान:
“हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। यह साइबर टेरर की रणनीति हो सकती है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और हम जल्द ही दोषियों तक पहुँचेंगे।”
📌 निष्कर्ष:
यह लगातार हो रही ईमेल धमकियाँ स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और साइबर मॉनिटरिंग पर गंभीर सवाल उठाती हैं। प्रशासन के लिए यह सतर्कता का इम्तहान, और आम जनता के लिए मानसिक तनाव का कारण बनता जा रहा है।