दंतेवाड़ा के समेली गांव के ग्रामीणों की अनोखी पहल: पहाड़ी काटकर खुद बना रहे 4 किमी लंबी सड़क,

बारिश में भी जारी है श्रमदान, हर घर से एक सदस्य दे रहा योगदान।दंतेवाड़ा जिले के समेली ग्राम पंचायत जब सरकारी तंत्र ने वर्षों तक अनदेखी की, तब बस्तर के समेली गांव के ग्रामीणों ने ठान लिया कि अब इंतजार नहीं, अपना रास्ता खुद बनाएंगे। नतीजा यह है कि बोडेपारा से समलवार तक 4 किलोमीटर लंबी सड़क को ग्रामीण खुद फावड़ा और गैंती लेकर पहाड़ी काटकर बना रहे हैं।

यह रास्ता बनने से पहले ग्रामीणों को समलवार पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन अब यह दूरी सीधे 4 किलोमीटर में तय हो सकेगी।
हर घर से श्रमदान, बारिश भी नहीं रोक सकी जज़्बा
गांव में पिछले एक हफ्ते से हर घर से एक-एक व्यक्ति श्रमदान दे रहा है। बारिश के मौसम में भी ग्रामीण पूरी निष्ठा से सड़क निर्माण में जुटे हैं। बिना मशीन, बिना सरकारी मदद के, केवल अपने जज़्बे और सामूहिकता के बल पर यह कठिन काम अंजाम दे रहे हैं।

दर्जनों गांवों को मिलेगा लाभ
इस रास्ते के बनते ही समेली, बोडेपारा, समलवार और आसपास के कई गांवों के लोग बैलाडीला जैसे क्षेत्र तक सीधा और सुरक्षित रास्ता प्राप्त कर सकेंगे। बच्चों की स्कूल पहुंच, मरीजों की अस्पताल तक सुविधा और सामान की ढुलाई भी अब आसान हो जाएगी।

विकास की नई परिभाषा
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जब विकास की राहें बंद नज़र आती हैं, तब समेली के ग्रामीणों ने मिसाल पेश करते हुए साबित कर दिया कि – “इच्छा हो तो राह भी खुद बन जाती है।”