क्राइम

साइबर ठगी में फर्जी सिम बेचने वाले गिरफ्तार….


🚨 मामले की पृष्ठभूमि

रायपुर में साइबर ठगी के लिए फर्जी नाम व पहचान से सिम कार्ड बेचने वाले 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत की गई।
➡️ बरामद प्री-एक्टिवेटेड सिम की संख्या: 100+ सिम कार्ड


📋 अपराध में उपयोग किए गए तरीक़े

इन फर्जी सिम कार्ड का उपयोग निम्नलिखित अपराधों में किया जा रहा था:

  • टेलीग्राम रिव्यू टास्क
  • ऑनलाइन जॉब स्कैम
  • पहचान की चोरी
  • फेक शेयर ट्रेडिंग
  • सामान कम मूल्य में बेचने के बहाने से साइबर फ्रॉड

इन तरीकों से हजारों लोगों को निशाना बनाया गया और अवैध धनराशि प्राप्त की गई।


⚖️ कानूनी प्रावधान

पुलिस ने मामले को निम्नलिखित धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया:

  • धारा 317(2), 317(4), 317(5), 3(5) बीएनएस
  • धारा 42(3) टेलीग्राफ एक्ट

अभी तक की विवेचना में दर्ज साइबर ठगी की रिपोर्ट की राशि:
➡️ ₹18.52 लाख की धोखाधड़ी।
➡️ 41 मोबाइल सिम कार्ड मामले में संलिप्त पाए गए हैं।


🕵️‍♂️ विवेचना प्रक्रिया

  • अपराध की जांच साइबर थाना रायपुर द्वारा की जा रही है।
  • तकनीकी विश्लेषण, पीड़ितों और साक्षियों से पूछताछ के आधार पर तथ्य इकट्ठा किए जा रहे हैं।
  • संबंधित सिम सेवा प्रदाता कंपनियों से सिम की जानकारी प्राप्त की गई।
  • पहले दो प्वाइंट ऑफ सेल (POS) को पहले ही गिरफ्तार किया गया था।
  • इसके बाद विस्तारपूर्वक जांच में 6 और मुख्य आरोपी पकड़े गए।

👤 गिरफ्तार आरोपियों के नाम

  1. निखिल चावला
  2. बॉबी खत्री
  3. शिवानंद चौहान
  4. नागेश्वर चक्रधारी
  5. जगमोहन भारती
  6. प्रियेश यादव

इन आरोपियों को पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।


🌐 महत्वपूर्ण निष्कर्ष

  • यह गिरफ्तारी साइबर अपराध पर रोक लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
  • फर्जी सिम कार्ड के जरिये अनेक लोगों को ठगी के शिकार बनाने वाले गिरोह को उजागर किया गया।
  • इससे साइबर सुरक्षा में जागरूकता और तकनीकी जांच प्रक्रिया की अहमियत भी उजागर होती है।
  • अपराध की जांच में पीड़ितों के सहयोग से-साथ तकनीकी विश्लेषण की भूमिका प्रमुख रही।

👉 सारांश में:
रायपुर में साइबर ठगी में प्रयोग किए जाने वाले फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। 100 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिम बरामद किए गए। इससे साइबर अपराध को रोकने में मदद मिलेगी और न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button