राजनीति
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विस्तारित बैठक :भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर कसा तंज,

पटना में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विस्तारित बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रही, क्योंकि आज़ादी के बाद पहली बार यह बैठक बिहार की धरती पर आयोजित की गई। बैठक का स्थल था सदाकत आश्रम, जहाँ से स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बड़े आंदोलनों की शुरुआत हुई थी।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता
- मल्लिकार्जुन खरगे – कांग्रेस अध्यक्ष, जिन्होंने उद्घाटन भाषण दिया।
- राहुल गांधी – अकेले ही पहुंचे, सोनिया और प्रियंका गांधी नहीं आईं।
- भूपेश बघेल – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
- अन्य कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता।

भूपेश बघेल के मुख्य बयान
🔹 आर्थिक मोर्चा
- उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक हालत बेहद खराब है।
- जनता की क्रय शक्ति समाप्त हो चुकी है।
- केंद्र सरकार ने 8 सालों में 50 लाख करोड़ रुपये वसूले, लेकिन आम जनता की हालत बदतर होती गई।
- सवाल उठाया – “जब लोगों के पास खर्च करने की ताकत ही नहीं है, तो सरकार किस बात का उत्सव मना रही है?”
🔹 विदेश नीति पर हमला
- पड़ोसी देशों – श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार – का झुकाव चीन की ओर बढ़ा है।
- डोकलाम विवाद पर प्रधानमंत्री की चुप्पी की आलोचना की।
- कहा कि बांग्लादेश और नेपाल में लोकतंत्र के चार स्तंभ (न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका, मीडिया) कमजोर हो चुके हैं।
- अमेरिका को लेकर भी तंज कसा –
- ट्रंप द्वारा “सीजफायर मैंने कराया” कहना भारत का अपमान बताया।
- H-1B वीज़ा टैक्स बोझ से लाखों भारतीयों की नौकरी पर संकट बताया।
🔹 बिहार और डबल इंजन सरकार
- व्यंग्य करते हुए कहा – “डबल इंजन की सरकार का पिस्टन खराब हो गया है, अब सिर्फ धुआं छोड़ रही है।”
- याद दिलाया कि कभी बिहार देश को 33% चीनी की आपूर्ति करता था, जो अब घटकर 3% रह गई है।
- बेरोजगारी की दर भी लगातार बढ़ने की बात कही।
🔹 राहुल गांधी की भूमिका
- खरगे ने राहुल गांधी को “न्याय योद्धा” कहा।
- जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी की लगातार जिद को बड़ा कारण बताया, जिसकी वजह से केंद्र को झुकना पड़ा।
- हालांकि चेताया कि यह केवल औपचारिक न होकर विपक्ष की मांग के अनुसार होनी चाहिए।
🔹 संवैधानिक संस्थाएँ
- केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि CBI, ED, आयकर विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के लिए हो रहा है।
- निर्वाचन आयोग पर भी पक्षपात का आरोप लगाया – कहा कि अब उसकी भूमिका “सरकार या भाजपा के प्रतिनिधि” जैसी हो गई है।
अन्य अहम बातें
- खरगे का संबोधन : बैठक को “देश की दूसरी आज़ादी का दिन” बताया।
- सोनिया गांधी की गैरमौजूदगी : स्वास्थ्य खराब होने के चलते नहीं आईं।
- मुख्यमंत्री चेहरे का सवाल : बघेल ने कहा कि यह चर्चा इंडिया गठबंधन की बैठक में होगी, न कि कांग्रेस कार्यसमिति में।
👉 कुल मिलाकर, पटना CWC बैठक कांग्रेस के लिए राजनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों मायनों में अहम रही।
यह बैठक सिर्फ बिहार चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि इसे कांग्रेस ने लोकतंत्र को बचाने के संकल्प के रूप में पेश किया।