छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री मनोज जोशी ने की मुलाकात

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री मनोज जोशी ने भेंट कर भू-अभिलेख सुधार, डिजिटल सर्वेक्षण, और राजस्व मामलों पर विस्तृत चर्चा की है। यह बैठक 15 जुलाई 2025 को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास/कार्यालय में हुई, जिसमें राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे ।

🏛️ बैठक के मुख्य पहलु:
1. 📜 भू-अभिलेख प्रणाली में सुधार
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भूमि-राजस्व दस्तावेजों को समय-समय पर अद्यतन करने तथा परिपक्व सुधारों को लागू करने के प्रति कटिबद्ध है।
- मनोज जोशी ने माना कि छत्तीसगढ़ की प्रणाली बेहतर स्थिति में है और इसके और सुधार संभव हैं ।
2. 🌐 डिजिटल सर्वे और तकनीकी नवाचार
- बैठक में डिजिटल सर्वेक्षण, LiDAR, और जियोस्पेशियल तकनीकों के उपयोग को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
- आजकल भूमि सर्वेक्षण अधिक तेज़, सटीक एवं ट्रांसपेरेंट हो गया है, जिससे नक्शा अद्यतन और त्रुटि-संशोधन बेहतर तरीके से संभव है ।
3. ⚖️ राजस्व मामलों का शीघ्र निपटारा
- राज्य के राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों को मुकदमा-निपटान में तेजी लाने की जरूरत पर बल दिया गया।
- साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जब अभिलेख व्यवस्थित होंगे तब मुकदमों का निस्तारण फास्ट ट्रैक किया जाए ।
4. 🤝 केंद्र–राज्य समन्वय
- CM साय ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र की पहल जैसे NAKSHA जियो-सर्वेक्षण परियोजना के अनुरूप काम करेगी।
- इससे किसानों और नागरिकों को शुद्ध, प्रमाणिक और अपडेटेड नक्शा मुहैया हो सकेगा ।
🔍 खुलकर देखा गया असर:
- पारदर्शिता, गति, सटीकता – तकनीक आधारित सुधार पारदर्शिता लाने में सहायक।
- किसान और नागरिक लाभ – शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि लेन-देन में विश्वसनीयता बढ़ेगी।
- न्याय समाधान प्रक्रिया तेज होगी – राजस्व मुकदमों मे समय-संपत्ति संरक्षण होगा।
✅ निष्कर्ष:
यह बैठक छत्तीसगढ़ में भू-राजस्व सुधार के नए दशक का आरंभ माना जा सकता है।
केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से डिजिटल सर्वे और अभिलेख प्रणाली को अद्यतन करने की प्रक्रिया से, भूमि लेनदेन, नक्शा प्रमाणिकता, और राजस्व न्यायालय की कार्यक्षमता में प्रगति की उम्मीद है।