न्यूज़
छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी—मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों पर, इसके बाद हुई राजनीतिक उलटफेर…

25 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे पुलिस (GRP) ने सिस्टर प्रीति मैरी (Kerala) और सिस्टर वंदना फ्रांसिस (Kerala) के साथ एक युवक, सुकमन मंडावी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। आरोप था कि वे नारायणपुर की तीन आदिवासी लड़कियों को नर्सिंग प्रशिक्षण और रोज़गार के बहाने आगरा ले जा रही थीं, जहाँ उन्हें धर्मांतरण कराया जा रहा था। लड़कियों की उम्र 18–20 वर्ष बताई गई थी, लेकिन नर्सिंग प्रवेश के कोई दस्तावेज़ नहीं मिले थे। माता-पिता की लिखित सहमति भी प्रस्तुत नहीं की जा सकी, जिसने पुलिस को संदेहास्पद पाया
GRAM–प्रतीत होता है बजरंग दल कार्यकर्ताओं की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की, जिसमें तीनों को Section 4 of Chhattisgarh Religious Freedom Act, 1968 और IPC Section 143(3) के तहत न्यायिक हिरासत भेजा गया ।

🕊️ चर्च व समाजिक प्रतिक्रिया
- Syro-Malabar Church, CBCI और केरल की चर्च संगठनों ने गिरफ्तारी को “भीड़तंत्र” और अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बताया। उन्होंने ननों की तत्काल रिहाई और निष्पक्ष जांच की माँग की है
- चर्च ने उल्लेख किया कि ननों ने कुष्ठ रोग निष्पादन जैसी सामाजिक सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आरोप “बेबुनियाद” हैं ।
🗣️ राजनीतिक विवाद (सियासत)
- राहुल गांधी ने इस गिरफ्तारी को “BJP‑RSS का भीड़तंत्र” करार देते हुए ट्वीट किया: “यह न्याय नहीं है, यह BJP‑RSS का गुंडा राज है… धार्मिक स्वतंत्रता संवैधानिक अधिकार है”—उन्होंने तत्काल रिहाई और उत्तरदायित्व तय करने की मांग की ।
- के.सी. वेणुगोपाल, कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि GRP और बजरंग दल की मिलीभगत है और ननों के खिलाफ संविधानिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने मंत्री से पत्र लिखकर आरोपियों पर कार्रवाई की माँग की और संसद के बाहर UDF सांसदों के साथ प्रदर्शन किया ।
- प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि ननों को बिना कानूनी आधार पर हिरासत में लिया गया और आरोप “झूठे” हैं, साथ ही अल्पसंख्यकों को बदनाम करने की कोशिश है ।
- छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार से निष्पक्ष जांच करने और पूरी कार्रवाई को सार्वजनिक करने की मांग की।
🏛️ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का रुख
- मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि initial जांच में मानव तस्करी और धर्मांतरण की आशंका पाई गई है, और यह एक “महिला सुरक्षा और सामाजिक संरचना से जुड़ा” संवेदनशील मामला है।
- सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कर रही है, और कानून अपनी प्रक्रिया से निष्पक्ष कार्रवाई करेगा।
- उन्होंने कांग्रेस को राजनीतिक रंग देने की गलती करने से रोकते हुए कहा कि बस्तर की बेटियों की सुरक्षा पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है ।
📋 सारांश तालिका
पक्ष | मुख्य बयान |
---|---|
आरोपी नन व सहयोगी | तीन लड़कियों को नर्सिंग व नौकरी का लालच देकर आगरा ले जा रहे थे, आरोप के तहत कार्रवाई हुई |
चर्च व ईसाई संस्थाएँ | गिरफ्तारी को “मॉब जस्टिस” और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया |
कांग्रेस / UDF सांसद | यह अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता अधिकारों पर हमला है; तत्काल रिहाई व न्याय की माँग |
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय | मामला मानव तस्करी व धर्मांतरण से संबंधित; कानून क्रमिक कार्रवाई करेगा; राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण |