रायपुरहेल्थ (Health)

छत्तीसगढ़ का पहला “हॉस्पिस और पेलियेटिव केयर वार्ड” — एक नई शुरुआत

📍स्थान और अवसर

  • स्थान: संजीवनी कैंसर केयर हॉस्पिटल, रायपुर
  • अवसर: विश्व हॉस्पिस और पेलियेटिव केयर दिवस (World Hospice & Palliative Care Day) — यह हर साल अक्टूबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है, ताकि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा सके।
  • तारीख: 11 अक्टूबर 2025

इस मौके पर प्रदेश के पहले हॉस्पिस एवं स्पेशलिस्ट पेलियेटिव केयर वार्ड और स्टेप-डाउन आईसीयू का शुभारंभ किया गया।


🌿 क्या होता है हॉस्पिस और पेलियेटिव केयर?

🔹 पेलियेटिव केयर (Palliative Care)

यह “जीवन बढ़ाने” से ज़्यादा “जीवन को सहज बनाने” की चिकित्सा है।

  • इसका लक्ष्य है — दर्द, बेचैनी, मानसिक तनाव, और डर को कम करना
  • इसमें डॉक्टर, नर्स, मनोवैज्ञानिक, और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर मरीज और उसके परिवार को सहायता देते हैं।
  • यह केवल कैंसर ही नहीं बल्कि किसी भी अंतिम अवस्था की गंभीर बीमारी (जैसे हृदय, किडनी, या न्यूरोलॉजिकल रोग) में भी दी जाती है।

🔹 हॉस्पिस केयर (Hospice Care)

  • यह विशेष रूप से उन मरीजों के लिए होती है जिनका इलाज अब रोग को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकता, और जिनके जीवन के अंतिम कुछ महीने या सप्ताह शेष हैं।
  • इसमें मरीज को एक शांत, स्नेहपूर्ण वातावरण दिया जाता है ताकि वह अपने अंतिम समय को सम्मानजनक और दर्द-मुक्त तरीके से जी सके।

👨‍⚕️ मुख्य विशेषज्ञ और नेतृत्व

  • इस विभाग का नेतृत्व डॉ. अविनाश तिवारी कर रहे हैं —
    • वे छत्तीसगढ़ के पहले पेलियेटिव मेडिसिन विशेषज्ञ हैं।
    • उन्होंने मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल से प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जो भारत का सबसे प्रतिष्ठित कैंसर संस्थान है।
  • यह पूरा प्रोजेक्ट डॉ. यूसुफ मेमन, निदेशक (Director), संजीवनी कैंसर केयर हॉस्पिटल के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है।

🧠 डॉ. मेमन के विचार

“कैंसर उपचार में पेलियेटिव केयर एक अत्यंत आवश्यक लेकिन उपेक्षित पहलू है।
उन्नत अवस्था के केवल 2% मरीजों को ही सही पेलियेटिव केयर मिलती है,
जिसके कारण अधिकांश मरीज अपने अंतिम दिनों में शारीरिक और मानसिक पीड़ा में रहते हैं —
जबकि यह दर्द सही चिकित्सा और देखभाल से काफी हद तक कम किया जा सकता है।”

यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत में कैंसर-केयर की एक बड़ी कमी को उजागर करता है।


💡 स्टेप-डाउन आईसीयू क्या है?

“स्टेप-डाउन आईसीयू” (Step-Down ICU) का अर्थ होता है —

  • एक ऐसा वार्ड जहां मरीजों को आईसीयू जैसी निगरानी तो मिलती है, लेकिन पूरी गहन चिकित्सा की आवश्यकता नहीं होती।
  • यह उन मरीजों के लिए बनाया गया है जिन्हें आईसीयू से बाहर लाया जा रहा है लेकिन वे अभी भी निरंतर चिकित्सा पर्यवेक्षण चाहते हैं।
  • इससे आईसीयू का बोझ कम होता है और गंभीर मरीजों को आरामदायक माहौल मिलता है।

❤️ क्यों ज़रूरी है यह पहल

  • भारत में करीब 70% कैंसर मरीज देर से (अंतिम अवस्था में) अस्पताल पहुंचते हैं।
  • उनमें से ज्यादातर का इलाज अब रोग-निवारक नहीं बल्कि लक्षण-नियंत्रक होता है।
  • पेलियेटिव केयर की कमी के कारण बहुत से लोग दर्द, उलझन, सांस की तकलीफ और मानसिक चिंता से गुजरते हैं।

इसलिए रायपुर में इस तरह का वार्ड खुलना न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।


🌼 भविष्य में लाभ

  1. मरीजों को दर्द-मुक्त और सम्मानजनक जीवन के अंतिम दिन मिल सकेंगे।
  2. परिवारों को परामर्श और भावनात्मक समर्थन मिलेगा।
  3. डॉक्टरों और नर्सों के लिए विशेष प्रशिक्षण की सुविधा बनेगी।
  4. अन्य अस्पतालों को भी इस तरह के वार्ड शुरू करने की प्रेरणा मिलेगी।

🎯 संक्षेप में मुख्य बिंदु

बिंदुविवरण
कार्यक्रमविश्व हॉस्पिस एवं पेलियेटिव केयर दिवस
तारीख11 अक्टूबर 2025
स्थानसंजीवनी कैंसर केयर हॉस्पिटल, रायपुर
शुरुआत करने वालेडॉ. यूसुफ मेमन
विभाग प्रमुखडॉ. अविनाश तिवारी (टाटा मेमोरियल से प्रशिक्षित)
मुख्य अतिथिपद्मश्री अनुज शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू
विशेषताछत्तीसगढ़ का पहला हॉस्पिस और पेलियेटिव केयर वार्ड + स्टेप डाउन आईसीयू
उद्देश्यअंतिम अवस्था के मरीजों को दर्द-मुक्त और सम्मानजनक जीवन देना

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