बिपत सारथी@गौरेला पेंड्रा मरवाही। जिले में लगातार शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान में राशन न मिलने के मामले सामने आ रहे हैं, कहीं राशन दुकान में राशन स्टॉक न होना तो कहीं राशन दुकान संचालक द्वारा राशन गबन इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है, लेकिन राशन लेने की पेशी करना और घर का सामान बेचकर राशन खरीदना अब राशन कार्डधारी को मजबूर होना पड़ रहा है। मामला मरवाही विकासखंड के नाका ग्राम पंचायत का है जो चारों ओर जंगलों से घिरा हुआ है और जहां जंगलों में रहने वाले धनुहार समुदाय के लोग ग्राम मुख्यालय से लगभग चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर रहते हैं ऐसे ही इस गांव का क्षेत्रफल लगभग 15 किलोमीटर का है। जहां एक ही राशन दुकान में इतनी दूर से लोग आते हैं।
वहीं दूर आने के बाद भी इन्हें राशन नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही जिले के कई राशन दुकान का भी यही हाल है। ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं, कि लगातार 2 से 3 महीने हो गए उन्हें अब तक चावल नहीं दिया गया,कभी राशन दुकान बंद रहती है, तो कभी राशन दुकान में चावल नही रहता, आरोप है की राशन दुकान को भी असमय खोला जाता है,और मुनादी न होने से हमे इसकी जानकारी भी नही मिल पाती,
वहीं हितग्राहियों का कहना है कुछ के राशन कार्ड में राशन देना बताते हुए एंट्री चढ़ा दिया गया लेकिन राशन नहीं दिया गया, वहीं कुछ राशन कार्ड की केवाईसी न होने की वजह से राशन कार्ड बंद बता दिया गया, जबकि सरकार का सख्त निर्देश है कि केवाईसी न हो तो करवा लिया जाए लेकिन किसी को राशन देना बंद ना करे।
राशन लेने पहुंची बुजुर्ग महिलाओं ने बताया हम बिना चावल के तीन महीने से गुजारा कर रहे, कभी कोदो कुटकी खाते हैं, तो कभी घर का सामान बेचकर राशन लाते हैं, और पिछले 6 दिनों से चावल के लिए भटकते हुए उनकी चप्पल भी टूट गया अब खाली पैर आना पड़ रहा।
भीषण गर्मी के बीच कई किलोमीटर पहाड़ों पर चलकर ग्रामीण चावल व अन्य राशन लेने लोग आते हैं, और पिछले कई महीनों से खाली हाथ वापस भी हो जाते हैं। ऐसे में ग्रामीण लगातार राशन दुकान संचालन करने वाले समूह को हटाने की मांग कर रहें ताकि इन्हे इनके हिस्से का राशन सही समय पर मिल सके…