क्राइम

लाल चंदन तस्करी में ED ने अब्दुल जाफर की 8.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की… 

मामला क्या है?

  • आरोपी का नाम: अब्दुल जाफर
  • आरोप: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाल चंदन (Red Sandalwood) की तस्करी करना।
  • ईडी की कार्रवाई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसकी ₹8.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर दी है।
  • संपत्ति का स्रोत: यह संपत्ति तस्करी से प्राप्त अवैध धन से खरीदी गई थी।

लाल चंदन तस्करी का खुलासा

  • घटना वर्ष: 2016
  • स्थान: रायपुर का एक गोदाम
  • माल बरामद: 576 लाल चंदन के लट्ठे, कुल वजन लगभग 11 टन
  • ये लट्ठे छिपाकर रखे गए थे, जिन्हें विदेशों में खपाने की योजना थी।

लाल चंदन क्यों खास और प्रतिबंधित है?

  • पेड़ का नाम: Red Sanders (लाल चंदन)
  • उगने का क्षेत्र: यह पेड़ मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कुछ दक्षिण भारतीय इलाकों में पाया जाता है।
  • महत्त्व:
    • इसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले फर्नीचर, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और सजावटी वस्तुओं में होता है।
    • चीन, जापान और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी भारी मांग है।
  • कानूनी स्थिति:
    • लाल चंदन की लकड़ी की कटाई और निर्यात भारत में कड़ी निगरानी और प्रतिबंध के तहत है।
    • इसके निर्यात पर केवल विशेष अनुमति के साथ ही छूट दी जाती है।
  • इसलिए लाल चंदन की तस्करी एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला अपराध है।

ईडी (Enforcement Directorate) की कार्रवाई का आधार

  • मनी लॉन्ड्रिंग जांच: ईडी ने पाया कि अब्दुल जाफर ने लाल चंदन तस्करी से कमाए गए पैसे से संपत्ति खरीदी थी।
  • यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई।
  • कुर्क की गई संपत्तियों में जमीन, मकान और संभवतः बैंक अकाउंट/निवेश भी शामिल हो सकते हैं।

इस कार्रवाई का महत्व

  1. अंतरराष्ट्रीय गिरोह पर चोट: लाल चंदन की तस्करी दक्षिण भारत से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार तक फैली हुई है। रायपुर जैसे शहर में इतनी बड़ी खेप पकड़े जाना, नेटवर्क की गहराई को दर्शाता है।
  2. ₹8.6 करोड़ की कुर्की: इतनी बड़ी राशि की संपत्ति जब्त होने से आरोपी की आर्थिक कमर टूटेगी।
  3. भविष्य के लिए संदेश: इस तरह की सख्त कार्रवाई से अन्य तस्करों को चेतावनी मिलती है कि अवैध संपत्ति भी सुरक्षित नहीं है।
  4. राज्य स्तर पर असर: छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, जो आम तौर पर लाल चंदन उत्पादन क्षेत्र नहीं हैं, वहां इसका मिलना इस बात का सबूत है कि नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है।

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