राजनीति

मंत्रियों के गढ़ में बीजेपी पस्त…मुश्किल से हुई नैय्या पार, पूर्व सीएम और पूर्व मंत्री के वादों का नहीं चला जादू… पढ़िए हाइप्रोफाइल सीट का हाल

रायपुर। लोकसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ में 2014 और 2019 के मुकाबले बीजेपी ने 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कोरबा सीट कांग्रेस के खाते में गया। लेकिन बीजेपी की ये जीत आसान नहीं थी। 10 में से कई सीटों पर जीत का अंतर काफी कम रहा। डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के क्षेत्र में बीजेपी की डगर काफी कठिन रही। शुरुवाती रुझानों के साथ कई राउंड की गिनती के बाद बीजेपी को ये जीत मिल सकी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि खुद मंत्रियों के क्षेत्र में बीजेपी की स्तिथि कैसी रही… क्या मंत्री जनता को लुभाने में नाकाम रहे हैं या उन क्षेत्रों में भी इंडिया गठबंधन की आंधी चली….

अब जिलेवार आंकड़े

राजनांदगांव- राजनांदगांव लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। बीजेपी से संतोष पांडेय को दूसरी बार टिकट देकर मैदान में उतारा गया तो कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए पूर्व सीएम भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाया। माना जाता है कि राजनांदगांव सीट कांग्रेस के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती थी, राजनांदगांव के 9 में से 5 सीट पर कांग्रेस के विधायक जीत कर आए हैं। जबकि राजनांदगांव पूर्व सीएम रमन सिंह का गढ़ है, यहां तक की कबीरधाम में विजय शर्मा को जीत मिली थी, जो कि छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री हैं। लेकिन बीजेपी कैबिनेट में एक मंत्री और राजनांदगांव विधानसभा के अध्यक्ष के गढ़ में बीजेपी की हालत पस्त पड़ गई। शुरुवाती रुझानों से कांग्रेस को बढ़त मिली, लेकिन कई राउंड की गिनती के बाद रिजल्ट बदल गया, चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा सांसद संतोष पांडे ने 44 हजार 411वोटों से उन्हें हरा दिया. संतोष पांडे को 712057 वोट मिले जबकि भूपेश बघेल को 667646 वोट मिले.

कोरबा – कोरबा लोकसभा सीट से कैबिनेट में दो मंत्री लखन लाल देवांगन और श्याम बिहारी जायसवाल के होने के बावजूद ये सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई। बीजेपी ने यहां से सरोज पांडे को प्रत्याशी बनाया था। वहीं कांग्रेस ने दो बार की कोरबा सांसद ज्योत्सना मंहत को रिपीट किया। इस सीट पर भी मुकाबला तब दिलचस्प हो गया, जब बीजेपी ने पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को ज्योत्सना के समक्ष उतारा। बाहरी प्रत्याशी का ठप्पा भी सरोज पांडे पर लगा, इसे देखते हुए उन्होंने कोरबा में धुआंधार प्रचार प्रसार भी किया….केंद्रीय मंत्रियों ने भी कोरबा में कई बड़ी चुनावी सभाएं की। खुद बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडे भी इस सीट पर दमखम के साथ मैदान में डटी हुई थी, लेकिन जीत का ताज सिर पर सजने से पहले ही….कोरबा के लोगों ने जीत को ज्योत्सना महंत के झोली में डाल दिया…और तीसरी बार उन पर कोरबा की जनता ने भरोसा जताया….अब बात करेंगे…आखिर सरोज पांडे और ज्योत्सना महंत के बीच वोटों का अंतर कितना रहा..आखिर बीजेपी के दो मंत्री होने के बावजूद क्षेत्र की जनता ने सरोज को क्यों नकारा….आखिर कमी कहां रह गई….कोरबा में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत को 5,70,182 मत मिले, जबकि बीजेपी की सरोज पांडे को 5,26,899 वोट मिले। सरोज पांडे 43,283 मतों से इस चुनाव में शिकस्त मिली।

बिलासपुर – बिलासपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ है…2024 के लोकसभा चुनाव में तोखन साहू और कांग्रेस ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया था… इस महत्वपूर्ण सीट पर बीजेपी के तोखन साहू ने जीत हासिल की। उन्होंने 1, 64, 558 वोटों से जीत हासिल की है। तोखन को कुल 7 लाख 24 हजार 937 वोट मिले हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव को 5 लाख 60 हजार 379 वोट मिले हैं। साहू ने बीजेपी को बिलासपुर में 8वीं बार जीत दिलाई है। लेकिन लोरमी और मुंगेली में वोट प्रतिशत काफी कमजोर रहा। डिप्टी सीएम अरुण साव के क्षेत्र में बीजेपी 400 से अधिक मतों से सिर्फ लीड कर रही थी। बताया ये भी जाता है कि बीजेपी यहां कई राउंड तक बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई, वहीं हाल मुंगेली का भी रहा.. जहां बीजेपी ने मतगणना के वक्त कई उतार चढ़ाव वाले पड़ाव भी देखें.. पिछले लोकसभा चुनावों की अपेक्षा मुंगेली और लोरमी सीट पर बीजेपी का प्रदर्शन ना के बराबर रहा, डिप्टी सीएम की धरती पर कमल को बड़ा झटका लगा है…..कमल खिलने से पहले ही मुरझाने के कगार पर पहुंच चुका था…लेकिन एन वक्त पर कुछ वोटों ने भाजपा के कमल की किस्मत ही बदल दी….

कांकेर – छत्तीसगढ़ के कांकेर में बीजेपी की हालत पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई थी। कांग्रेस के वीरेश ठाकुर और बीजेपी के भोजराज नाग…दोनों अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। आखिर अंतिम में बीजेपी के भोजराज नाग को जीत मिली। लेकिन वोटों का अंतर काफी कम था, इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी के लिए एक तरफ़ खाई तो दूसरी ओर कुआँ वाली हालत हो गई थी, लेकिन अंतिम राउंड की गिनती ने पूरा गेम ही चेंज कर दिया…कांग्रेस प्रत्याशी वीरेश ठाकुर को भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग ने हरा दिया। भाजपा के भोजराज को पांच लाख 97 हजार 624 मत मिले और कांग्रेस के वीरेश ठाकुर को पांच लाख 95 हजार 740 मत प्राप्त हुए। दोनों की कांटे की टक्कर में 22वें राउंड पर भोजराज नाग से 1917 वोटों से वीरेश ठाकुर पीछे चल रहे थे, लेकिन बैलेट मतपत्र की गिनती होने पर 1884 वोटों से वीरेश ठाकुर को भोजराज नाग ने परास्त किया।

बस्तर – छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट बस्तर से कांग्रेस प्रत्याशी और 6 बार के विधायक कवासी लखमा को बीजेपी के महेश कश्यप ने बड़ी शिकस्त दी। पूर्व मंत्री के गढ़ की जनता ने ही उन्हें सिरे से नाकार दिया…शुरुआती रुझान में कवासी लखमा बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप से आगे चल रहे थे. बीजापुर, कोंटा, नारायणपुर और कोंडागांव विधानसभा में लगातार बढ़त मिल रही थी. सातवें राउंड की गिनती के बाद कवासी लखमा महेश कश्यप से पिछड़ गये. 21वें राउंड की गिनती पूरी होने तक महेश कश्यप ने 55 हजार 245 मतों के अंतर से कवासी लखमा को मात दे दी. 

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