बिलासपुर

बिलासपुर केंद्रीय जेल में एक विशेष आयोजन होने जा रहा है, जिसमें करीब 6 हजार बहनें, 3009 बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पहुंचेंगी।

रक्षाबंधन जैसे भावनात्मक और सांस्कृतिक पर्व पर इस बार भी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर केंद्रीय जेल में एक विशेष आयोजन होने जा रहा है, जिसमें करीब 6 हजार बहनें, 3009 बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पहुंचेंगी। यह परंपरा पिछले वर्षों की तरह इस साल भी जारी रहेगी, लेकिन इसके साथ कुछ जरूरी दिशानिर्देश और व्यवस्थाएं भी तय की गई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं:


🧵 रक्षाबंधन विशेष: बिलासपुर केंद्रीय जेल में भाई-बहन का संगम

🔹 जेल प्रशासन की तैयारी

  • 3009 बंदी भाईयों के लिए व्यवस्था की जा रही है।
  • लगभग 6,000 बहनों के आने की संभावना है, जो अपने भाई को राखी बांधने पहुंचेंगी।
  • जेल प्रशासन ने मुख्यालय जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के आधार पर पूरी तैयारी शुरू कर दी है।

📋 क्या हैं गाइडलाइंस?

  1. सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद:
    • जेल परिसर में आने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान और तलाशी जरूरी होगी।
    • किसी भी प्रकार की धारदार वस्तु, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या कैमरा लाने की अनुमति नहीं होगी।
  2. राखी के साथ मिठाई:
    • केवल एक विशेष प्रकार की मिठाई लाने की अनुमति दी गई है।
    • इस बार बहनों को सिर्फ “सूखी मिठाई” (Dry Sweet) ही लाने की अनुमति होगी – जैसे खोया रहित बरफी, सेव, बेसन लड्डू आदि।
    • नमकीन, तैलीय या क्रीमयुक्त खाद्य पदार्थ पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
  3. समय और स्लॉट अनुसार प्रवेश:
    • इतनी बड़ी संख्या में बहनों की मौजूदगी को देखते हुए समय स्लॉट तय किए जाएंगे
    • भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए अलग-अलग समय पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
  4. बंदियों से मुलाकात की समय-सीमा:
    • हर बहन को निश्चित समय में राखी बांधनी होगी, ताकि सभी को अवसर मिल सके।
    • बहनें अपने साथ पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड या वोटर आईडी लाना न भूलें।

🤝 भावनात्मक पहलू

  • यह आयोजन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि बंदी भाइयों के लिए मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक संबल का कार्य करता है।
  • इससे बंदियों में सुधार की भावना और परिवार से जुड़ाव बना रहता है।
  • बहनों के लिए भी यह दिन सांत्वना और उम्मीद का प्रतीक बनकर आता है।

🏛️ कई जिलों में होगा आयोजन

  • बिलासपुर के अलावा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर जैसी अन्य जेलों में भी इसी प्रकार रक्षाबंधन आयोजन की योजना है।

📌 निष्कर्ष

बिलासपुर केंद्रीय जेल का यह आयोजन रक्षाबंधन के सांस्कृतिक और मानवीय पक्ष को दर्शाता है। शासन और जेल प्रशासन की यह पहल न सिर्फ परंपरा को निभाती है बल्कि समाज की मुख्यधारा से कटे बंदियों को पुनः जोड़ने का प्रयास भी करती है।

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