भिलाई निगम की सामान्य सभा में अहम फैसले, स्टेडियम से हटेगी शराब दुकान, बनेगा नया निगम कार्यालय

भिलाईनगर। मंगलवार को आयोजित भिलाई नगर निगम की सामान्य सभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच दुर्लभ एकजुटता देखने को मिली। अधिकांश एजेंडों पर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे का समर्थन किया, वहीं प्रश्नकाल के दौरान पार्षदों ने आयुक्त और अधिकारियों को विभिन्न मुद्दों पर घेरा भी। सदन में रखे गए सात प्रमुख प्रस्तावों के साथ-साथ तीन अतिरिक्त विषय भी चर्चा में लाए गए, जिन्हें अंततः ध्वनि मत से पूर्ण बहुमत के आधार पर पारित कर दिया गया।

ढाई घंटे चली अतिरिक्त चर्चा, हुआ हंगामा
सामान्य सभा के दौरान एजेंडे से इतर विषयों पर करीब ढाई घंटे तक विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान सदन में जमकर शोर-शराबा भी देखने को मिला। पार्षदों द्वारा उठाए गए हर सवाल और मुद्दे का जवाब नगर निगम आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय को देना पड़ा। चर्चा में नागरिक सुविधाओं, प्रशासनिक व्यवस्थाओं और जनहित से जुड़े कई अहम विषय शामिल रहे।
स्टेडियम परिसर से हटेगी शराब दुकान
सभा का सबसे अहम और जनभावनाओं से जुड़ा निर्णय पं. दीनदयाल उपाध्याय खेल परिसर, मिनी स्टेडियम (खुर्सीपार) में संचालित शराब दुकान को हटाने को लेकर रहा।
- सदन में इस शराब भट्टी को अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से सहमति बनी।
- पार्षदों ने कहा कि खेल परिसर जैसे स्थान पर शराब दुकान का होना खेल और युवाओं के हित में नहीं है।
- इस निर्णय से खेल प्रेमियों, खिलाड़ियों और स्थानीय नागरिकों में संतोष की भावना देखी जा रही है।
नया निगम मुख्यालय भवन बनाने का प्रस्ताव पास
सामान्य सभा में भिलाई नगर निगम के नए मुख्यालय भवन के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।
- नए भवन के निर्माण से निगम प्रशासन के कार्यों में सुचारुता और पारदर्शिता आने की उम्मीद है।
- साथ ही नागरिकों को भी विभिन्न सेवाओं के लिए एक ही स्थान पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
सर्वसम्मति से पास हुए सभी प्रस्ताव
कुल मिलाकर सामान्य सभा में लाए गए सभी प्रस्तावों को ध्वनि मत के जरिए पारित किया गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सहयोग से लिए गए फैसलों को शहर के विकास और जनहित से जुड़ा अहम कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
भिलाई नगर निगम की यह सामान्य सभा कई मायनों में खास रही—जहां एक ओर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर निर्णय लिए गए, वहीं दूसरी ओर खेल परिसर से शराब दुकान हटाने जैसे फैसले ने जनभावनाओं को मजबूती दी है। अब इन प्रस्तावों के अमल की प्रक्रिया पर शहरवासियों की निगाहें टिकी रहेंगी।



