बिज़नेस (Business)व्यापार
भारतीय शेयर बाजार आज कमजोर प्रदर्शन पर रहा ,BSE Sensex करीब 593 अंक नीचे बंद हुआ और NSE Nifty50 भी 25,900 के स्तर से नीचे आ गया।

- यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा संकेतित रुख और घरेलू निवेशकों की सतर्कता के कारण रही।
- सेक्टर-विश्लेषण में बैंकिंग, IT और फार्मा क्षेत्र को सबसे अधिक दबाव देखने को मिला।
- आज (30 अक्टूबर 2025) भारतीय शेयर बाजार में तेजी से बिकवाली देखने को मिली, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों को लगभग ₹3.2 लाख करोड़ की पूंजीगत हानि झेलनी पड़ी। दिन भर की ट्रेडिंग में बाजार पर वैश्विक और घरेलू दोनों ही कारकों का दबाव रहा। नीचे विस्तार से समझिए 👇
📉 आज का बाजार प्रदर्शन
BSE Sensex — 593 अंक गिरकर 84,712.45 पर बंद हुआ।
NSE Nifty50 — 186 अंक गिरकर 25,892.20 पर बंद हुआ।
लगभग 1,800 से अधिक शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि सिर्फ करीब 900 शेयरों में ही बढ़त रही।
🌍 गिरावट के प्रमुख कारण
1️⃣ वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ रही है।
फेडरल रिज़र्व की हालिया टिप्पणी में यह संकेत मिला कि ब्याज दरों में जल्द कटौती की संभावना फिलहाल नहीं है।
इसके चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) भारतीय बाजारों से पूंजी निकाल रहे हैं।
2️⃣ विदेशी बाजारों में कमजोरी
एशियाई बाजारों (जैसे जापान, हांगकांग, ताइवान) में भी आज 1–2% तक की गिरावट रही।
यूरोपीय बाजार भी कमजोर खुले, जिससे निवेशक भावनाओं पर दबाव पड़ा।
3️⃣ घरेलू कारक
कंपनियों के Q2 नतीजों में उम्मीद से कम प्रदर्शन देखने को मिला है — खासकर बैंकिंग और IT कंपनियों में।
रुपया कमजोर होकर 83.47 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जिससे आयातक और विदेशी निवेश प्रभावित हुए।
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी चिंता बढ़ी — कच्चे तेल का दाम 89 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचा।
🏦 सेक्टरवार विश्लेषण
सेक्टर
गिरावट (प्रतिशत)
प्रमुख कारण
बैंकिंग (Nifty Bank)
-1.5%
निजी बैंकों के कमजोर नतीजे, FII की बिकवाली
IT सेक्टर
-1.3%
डॉलर में मजबूती और अमेरिकी क्लाइंट्स की सुस्ती
फार्मा
-0.9%
निर्यात बाजारों में मांग की सुस्ती
ऑटो व रियल एस्टेट
हल्की गिरावट
फेस्टिव डिमांड में ठहराव की आशंका
FMCG
स्थिर
डिफेंसिव खरीदारी से थोड़ी स्थिरता बनी रही
💼 प्रमुख शेयरों की चाल
HDFC Bank, ICICI Bank, Infosys, TCS, Sun Pharma जैसे दिग्गज शेयरों में 1–2% तक गिरावट रही।
जबकि ITC, NTPC और Coal India में मामूली बढ़त देखने को मिली।
📊 निवेशक भावना (Market Sentiment)
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में अभी “कंसॉलिडेशन फेज़” चल रहा है।
अल्पावधि में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
लंबी अवधि के निवेशक अभी भी “डिप्स पर खरीदारी” (Buy on Dips) की रणनीति अपना सकते हैं।
अगले सप्ताह RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा और अमेरिका के GDP आंकड़े बाजार की अगली दिशा तय करेंगे।
🔍 विश्लेषकों की राय
“फेड के रुख से वैश्विक लिक्विडिटी में सख्ती आएगी, जिससे उभरते बाजारों (Emerging Markets) पर दबाव रहेगा। भारत का दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक है, लेकिन निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।”
— Equitymaster रिपोर्ट, 30 अक्टूबर 2025




