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भारत‑यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर के बाद बाज़ार प्रभावित..

भारत-यूके FTA पर हस्ताक्षर से बाज़ार में उम्मीद बनी थी, अमेरिका से व्यापार संबंधों पर अनिश्चितता बनी रहने से आम धारणा स्थिर रही..
🇮🇳 भारत‑यूके FTA से बाज़ार में उत्पन्न हुई सकारात्मक उम्मीद
- FTA के अंतर्गत लगभग 99% भारतीय صادرات (जैसे वस्त्र, रत्न-गहने, औषधीय उपकरण) पर यूके में शून्य-शुल्क प्रवेश मिलेगा, जिससे UK में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी ।
- SBI और अन्य विश्लेषण रिपोर्टों के अनुसार, यह समझौता £25–34 बिलियन (लगभग $30–40 B) वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाएं रखता है
- ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे तेज़ प्रतिक्रिया आई: BSE Auto index में लगभग 1.7–1.8% की उछाल, Tata Motors ~5%, Bharat Forge ~5% तक बढ़ा, Mahindra & M&M भी लाभ में रहे
- इसी तरह टेक्सटाइल, फ़ार्मा, केमिकल्स, जेम्स & ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टरों में भी तेजी देखी गई—विशेषकर वे कंपनियाँ जो सीधे यूके एक्सपोर्ट करती हैं।
- उदाहरण के तौर पर, FTA की घोषणा के बाद Trident की शेयर मूल्य में लगभग 6% तक की बढ़त दर्ज की गई; SP Apparels, Redtape, TCNS Clothing जैसे शेयर भी 2–5% बढ़े

🤝 अमेरिका से व्यापार संबंधों पर बनी अनिश्चितता बनी रही
- भारत‑यूएस व्यापार समझौता अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। Commerce Minister Piyush Goyal ने संकेत दिए कि बातचीत सकारात्मक दिशा में है, लेकिन अंतिम रूप अभी बाकी है और संभावित August/July डेडलाइन तक पूर्ण नहीं हो सकती ।
- Reuters और RBI दस्तावेजों के अनुसार, शेयर बाज़ार में अमेरिका‑संम्बंधी ट्रेड तनाव के कारण सतर्कता बनी हुई है, जिससे व्यापक उत्साह सीमित रहा
- वैश्विक मुद्रास्फीति, उच्च अमेरिकी ब्याज दरें, और नए अमेरिकी टैरिफ नीतियों के चलते जोखिम बनी हुई है—जिसकी वजह से निवेशक U.S.‑India व्यापार व्यवहार्यता को लेकर चिंतित हैं ।
- आज के बाजार में Bajaj Finance की शेयर में गिरावट और IT एवं उपभोक्ता क्षेत्रों में कमज़ोर Q1 परिणामों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया—इसकी तुलना में यूके FTA का प्रभाव सीमित रहा ।
📊 सारांश तालिका
पक्ष | बाज़ार प्रतिक्रिया | प्रमुख प्रभाव (सेक्टर/स्टॉक्स) |
---|---|---|
भारत‑यूके FTA हस्ताक्षर | सकारात्मक, उत्साहित | ऑटो (+1.7–1.8%), टेक्सटाइल (+2–6%), टाटा मोटर्स, Trident आदि लाभ में |
USA‑trade पेश رفت न हो पाना | असमंजस, सतर्क टिकाव | IT, फाइनेंशियल, उपभोक्ता शेयरों में कमजोरी; Bajaj Finance सहित |
🧭 निष्कर्ष
FTA ने बाज़ार में विशेषकर ऑटो और निर्यात‑आधारित क्षेत्रों में उत्साह जगाया, लेकिन अमेरिका के साथ ट्रेड मसलों की अनिश्चितता ने व्यापक निवेशक धारणा को अभी स्थिर बनाए रखा। यदि अमेरिका के साथ बातचीत में प्रगति होती है, तो यह भारतीय बाज़ार में वर्ष 2025 की अंतिम तिमाहियों में और बड़ा सकारात्मक प्रभाव ला सकती है।