भारत में FY 25 (मार्च 2025 को समाप्त वर्ष) में ऑटोमोबाइल उद्योग ने नया रिकॉर्ड बनाया: कुल पैसेंजर वाहन बिक्री लगभग 43 लाख यूनिट रही, जो पिछले वर्ष से करीब 2 % अधिक है।

इस वृद्धि का मुख्य कारण SUVs (यूटिलिटी वाहन) की बढ़ती लोकप्रियता रहा — जहाँ SUVs ने अब कुल पैसेंजर वाहनों का लगभग 65 % हिस्सा लिया है।
इसके अलावा, भारत सरकार के प्रस्ताव हैं कि छोटे कारों पर GST को नीचे लाया जाए — उदाहरण के लिए, छोटे पेट्रोल/डीजल कारें 28% की बजाए 18% GST के दायरे में आ सकती हैं।
भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर की FY25 (मार्च 2025 तक) रिपोर्ट — एक नया रिकॉर्ड
भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने वित्तीय वर्ष 2024–25 (FY25) में शानदार प्रदर्शन करते हुए 43 लाख पैसेंजर वाहनों की बिक्री दर्ज की है। यह पिछले वित्तीय वर्ष (FY24) की तुलना में लगभग 2% की वृद्धि है। यह भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के इतिहास में अब तक का सबसे ऊँचा वार्षिक बिक्री आंकड़ा है।

🏎️ 1️⃣ वृद्धि के प्रमुख कारण
इस उछाल के पीछे कई अहम कारण हैं:
- SUV सेगमेंट का दबदबा:
- अब भारत में बिकने वाले हर तीन में से दो वाहन SUV हैं।
- FY25 में SUVs ने पैसेंजर वाहन मार्केट का लगभग 65% हिस्सा अपने नाम किया।
- ग्राहकों की पसंद अब “कंफर्ट + स्टाइल + ग्राउंड क्लीयरेंस” वाले वाहनों की ओर बढ़ी है।
- कंपनियों ने नए कॉम्पैक्ट और मिड-साइज़ SUVs लॉन्च किए, जैसे कि:
- Tata Punch, Nexon Facelift
- Maruti Brezza, Grand Vitara
- Hyundai Creta, Exter
- Mahindra Scorpio N, XUV700
- ग्रामीण बाजारों में बढ़ती मांग:
- ग्रामीण क्षेत्रों में फाइनेंस की आसान उपलब्धता और अच्छी फसल की बदौलत वाहन बिक्री बढ़ी है।
- खासकर छोटी SUVs और एंट्री-लेवल हैचबैक की बिक्री में सुधार हुआ।
- लोन और ईएमआई दरों में स्थिरता:
- रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरें स्थिर रखने से ऑटो लोन पर EMI में राहत मिली।
⚙️ 2️⃣ सरकार का बड़ा प्रस्ताव — छोटे कारों पर GST में कटौती
भारत सरकार ने छोटी कारों और बीमा प्रीमियम पर कर घटाने का प्रस्ताव तैयार किया है
(Reuters रिपोर्ट, अगस्त 2025)।
मुख्य बिंदु 👇
- वर्तमान में अधिकांश छोटी कारों पर 28% GST + 1–3% सेस लगता है।
- प्रस्ताव के तहत इसे घटाकर 18% GST करने की योजना है।
- इससे एंट्री-लेवल कारें 8–10% तक सस्ती हो सकती हैं।
- लक्ष्य है कि:
- छोटे वाहन खरीदने की क्षमता बढ़े,
- पहली बार कार खरीदने वाले ग्राहकों को प्रोत्साहन मिले,
- और EVs (इलेक्ट्रिक कारों) के साथ-साथ छोटे पेट्रोल वाहनों का उत्पादन भी संतुलित रहे।
यदि यह लागू होता है, तो Maruti Alto, S-Presso, Renault Kwid, Tata Tiago, Hyundai i10 जैसी कारों की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा सकती है।
⚡ 3️⃣ इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेगमेंट की स्थिति
FY25 में EV मार्केट ने भी शानदार प्रदर्शन किया:
- कुल EV बिक्री ~19 लाख यूनिट, जिसमें दोपहिया और तिपहिया वाहनों का बड़ा योगदान रहा।
- केंद्र सरकार की “FAME-II और EV Acceleration Policy” के अंतर्गत नई सब्सिडी योजनाएँ लागू की गईं।
- Suzuki, Hyundai, Tata, और Mahindra जैसी कंपनियों ने 2026 तक नए EV मॉडल लॉन्च करने की योजना घोषित की है।
📈 4️⃣ ऑटो सेक्टर की आर्थिक भूमिका
- FY25 में ऑटो उद्योग का भारत के GDP में योगदान लगभग 7.5% तक पहुँच गया।
- एक्सपोर्ट्स (वाहन और पार्ट्स मिलाकर) 10% बढ़े।
- भारतीय कंपनियाँ अब दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और ASEAN देशों में नए बाजार तलाश रही हैं।
💬 5️⃣ भविष्य की दिशा (FY26 और आगे)
- SUV और EV सेगमेंट में निरंतर वृद्धि जारी रहेगी।
- छोटे वाहनों के लिए GST कटौती लागू होने पर बिक्री में 10–15% उछाल आ सकता है।
- हाइब्रिड वाहनों (Hybrid Cars) पर टैक्स लाभ की माँग बढ़ रही है।
- EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और तेज़ी से बढ़ाया जाएगा।
संक्षेप में,
FY25 भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए “रिकॉर्ड और पुनरुद्धार” का साल साबित हुआ — जहाँ SUVs ने बाजार में राज किया, EVs ने तेजी पकड़ी, और सरकार के टैक्स रिफॉर्म्स ने उद्योग को नई उम्मीद दी।


