भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से 5 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आगाज होनी है जिसमे रोहित को खलेगी इन 3 मैच विनर्स की कमी,
खेल l भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से 5 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आगाज होने जा रहा है. इस अहम सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान पहले ही हो चुका है. न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से शर्मनाक हार के बाद रोहित सेना इस सीरीज को जीतने में जी जान लगा देगी, क्योंकि यह सीरीज में भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नजरिए से बेहद जरूरी है.
टीम इंडिया के स्क्वाड में युवा खिलाड़ियों को मौका मिला है, जबकि सीनियर प्लेयर्स बाहर हैं. भारत का स्क्वाड देखकर यह कहा जा रहा है कि हमें अनुभवी खिलाड़ियों की कमी खल सकती है. हम आपके लिए उन 3 स्टार्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने पिछली बार इस सीरीज में कमाल किया था. इस बार इन दिग्गजों को फैंस मिस कर रहे हैं.
भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी इस सीरीज का हिस्सा नहीं हैं. इस खिलाड़ी ने आखिरी बार भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप 2023 में खेला था, जिसके बाद से ही वो मैदान से बाहर हैं. शमी फिटनेस के कारण शमी इस दौरे से बाहर हो गए हैं.मोहम्मद शमी सीनियर गेंदबाज हैं. उनके पास अच्छा खास अनुभव है. वो अपनीस्विंग और तेज गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते थे. उनके नाम 64 टेस्ट मैचों में 229 विकेट हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 12 मैचों में उन्होंने 44 विकेट निकाले हैं.
टीम इंडिया के “मिस्टर डिपेंडेबल” कहलाने वाले चेतेश्वर पुजारा का इस सीरीज में होना जरूरी था, पिचले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी बल्लेबाजी का प्रदर्शन काबिले तारीफ था. इस प्लेयर ने कठिन परिस्थितियों में गेंदों का सामना कर टीम को मजबूत किया था और 4 मैचों में 271 रन बनाए थे. उनकी लंबी और संघर्षपूर्ण पारी ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के लिए संजीवनी साबित हो सकती थी.पुजारा मिडिल ऑर्डर के मजबूत प्लेयर हैं. वो फॉर्म में भी चल रहे हैं. रणजी ट्रॉफी में पिछले दिनों दोहरा शतक जमाया था. मुश्किल विकेट पर क्रीज पर घंटों बैटिंग करने की क्षमता है. पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्ट मैचों में 49.38 की औसत से 2074 रन बनाए हैं, जिनमें 5 शतक शामिल हैं.
अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे भी इस बार टीम का हिस्सा नहीं हैं. पिछले बार उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती थी. उस सीरीज में रहाणे के बल्ले से 4 मैचों में 268 रन निकले थे. रहाणे का अनुभव और उनका शांत स्वभाव टीम को मुश्किल स्थितियों में संभालने में मदद कर करता रहा है.