Bemetara Gunpowder Factory Blast Case : फैक्ट्री मालिक रसूखदार तो 45 दिन की जांच 54 दिन बाद भी अधूरी
बेमेतरा जिले के पिरदा गांव स्थित बारूद फैक्ट्री ब्लास्ट मामले की जांच अब भी अधूरी है। हादसे के चंद रोज बाद महज 45 दिनों में SDMA को जांच रिपोर्ट सौंपना था, लेकिन 54 दिन बीतने के बाद भी मामले की जांच सिफर है। इस चूक और भविष्य में खतरनाक अनहोनी के मद्देनजर 22 गांव के किसान एकजुट हो गए हैं।
आसपास की 22 गांव किसान कल्याण समिति ने बारूद फैक्ट्री को पूर्णतया बंद करने की मांग की है। तत्संबंध में 22 गांव किसान कल्याण समिति ने कलेक्टर, सांसद, उद्योगमंत्री को ज्ञापनसौंपा है। बता दें कि बारूद फैक्ट्री में 25 मई 2024 को भयंकर ब्लास्ट हुआ था जिसमें ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और 7 गंभीर घायल की पुष्टी प्रशासन ने किया था।
बता दें कि अब तक जिला प्रशासन के अधिकारी हादसे की वजह पता नहीं कर पाए हैं। मामले में मुख्यमंत्री साय ने मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए थे। इसके naga788 बाद बेमेतरा जिला प्रशासन ने समिति का गठन किया था। SDM पिंकी मनहर को 45 दिन के भीतर रिपोर्ट सब्मिट करने को कहा गया था। करीब दो महीने होने को आए हैं, न तो जांच का पता है न रिपोर्ट का।
जांच और FIR में लेटलतीफी क्यों ?
पहले तो घटना के तीन दिन बाद तक बेमेतरा पुलिस ने किसी के खिलाफ FIR नहीं की थी। अब नामालूम कारणों से CM विष्णुदेव साय के निर्देश के बाद शुरू हुई मजिस्ट्रियल जांच का दारोमदार SDM पिंकी मनहर को मिला था। SDM को यह जांच रिपोर्ट 45 दिन के अंदर करके कलेक्टर को सौंपना था परंतु इसमें भी पुलिस की तरह प्रशासनिक अधिकारी लेटलतीफ हैं। मामले के 54 दिनों बाद भी कलेक्टर, पुलिस और शासन मौतों की जिम्मेदारी तय नहीं कर पाया हैं।