
स्थान: रायपुर | तारीख: 8 नवम्बर 2025 | समय: सुबह 9:00 बजे
🔹 कार्यक्रम का सार
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव आज सुबह 9 बजे आकाशवाणी (All India Radio) के विशेष कार्यक्रम “बातों-बातों में” के माध्यम से “बस्तर ओलंपिक 2025” पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
यह कार्यक्रम आकाशवाणी के सभी केंद्रों से एक साथ प्रसारित (Relay) किया जाएगा —
📻 मीडियम वेव: 981 kHz
📻 एफएम चैनल: 101.6 MHz
यह वार्ता श्रृंखला “सम-सामयिक विषयों पर केंद्रित” है — यानी हर बार प्रदेश से जुड़े सामाजिक, सांस्कृतिक या विकास विषयों पर संवाद होता है। इस बार का विषय “बस्तर ओलंपिक” है, जो इस समय पूरे प्रदेश में एक जन-आंदोलन की तरह मनाया जा रहा है।

🔹 बस्तर ओलंपिक — क्या है?
“बस्तर ओलंपिक” छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय प्रशासन की एक खेल एवं संस्कृति आधारित पहल है, जिसका उद्देश्य आदिवासी और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देना, स्थानीय युवाओं में खेल-भावना विकसित करना, और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना है।
इस बार के आयोजन का पैमाना अब तक का सबसे बड़ा है —
- कुल 3 लाख 91 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया है।
- प्रतियोगिताएँ विकासखंड → जिला → संभाग स्तर पर क्रमवार आयोजित की जा रही हैं।
- अंतिम चरण में राज्यस्तरीय “ग्रैंड फिनाले” का आयोजन होगा, जिसमें विजेता खिलाड़ियों को राज्यस्तरीय सम्मान दिया जाएगा।
🔹 आयोजन की प्रमुख बातें
- शुरुआत (Block Level):
विकासखंड स्तर की प्रतियोगिताएँ पहले से चल रही हैं — इनमें कबड्डी, खुखड़ी-खो, टुग ऑफ वॉर, फुटबॉल, दौड़, और पारंपरिक जनजातीय खेल शामिल हैं। - आगे की प्रक्रिया:
- ब्लॉक स्तर से चयनित टीमें जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में उतरेंगी।
- उसके बाद संभागीय स्तर (Divisional level) पर मुकाबले होंगे।
- अंततः राज्य स्तरीय बस्तर ओलंपिक फाइनल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के सभी संभागों के खिलाड़ी भाग लेंगे।
- उद्देश्य:
- ग्रामीण युवाओं में खेल-कौशल और अनुशासन बढ़ाना।
- बस्तर क्षेत्र के पारंपरिक खेलों — जैसे गोली-डंडा, फुगड़ी, पिट्ठूल, रस्साकस्सी, दौड़, पारंपरिक नृत्य-प्रतियोगिता — को आधुनिक मंच देना।
- स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान और राज्य/राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना।
- महिला खिलाड़ियों की भागीदारी को प्रोत्साहन।
🔹 उप मुख्यमंत्री अरुण साव का संबोधन — संभावित विषय
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री निम्न बिंदुओं पर बात करेंगे —
- बस्तर ओलंपिक का उद्देश्य और सामाजिक प्रभाव।
- ग्रामीण अंचलों से उभरती नई प्रतिभाएँ।
- छत्तीसगढ़ की खेल नीति 2025 और भविष्य की योजनाएँ।
- युवाओं को खेल के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य से जोड़ने का संदेश।
- “सेफ स्पोर्ट्स, हेल्दी लाइफ” जैसे अभियानों का उल्लेख।
🔹 प्रसारण व श्रोता जानकारी
- कार्यक्रम “बातों-बातों में” हर हफ्ते किसी समसामयिक विषय पर प्रसारित होता है।
- आज का प्रसारण:
🕘 समय: सुबह 9:00 बजे
📻 FM 101.6 MHz और MW 981 kHz पर
🌐 छत्तीसगढ़ के सभी आकाशवाणी केंद्र इसे एक साथ रिले करेंगे। - इसे बाद में आकाशवाणी के डिजिटल प्लेटफॉर्म (NewsOnAir ऐप, YouTube चैनल) पर भी सुना जा सकेगा।
🔹 बस्तर ओलंपिक का सामाजिक महत्व
- “खेल से मेल” की भावना को सशक्त बनाना — यानी जनजातीय खेलों के माध्यम से एकता और गर्व का भाव।
- बस्तर क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और सामूहिकता को पूरे प्रदेश तक पहुँचाना।
- खेलों को ग्रामीण जीवनशैली का हिस्सा बनाकर सामाजिक सौहार्द और आत्मनिर्भरता बढ़ाना।
🔹 निष्कर्ष
यह प्रसारण केवल खेल आयोजन की जानकारी नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है — जहाँ सरकार, समाज और खेल संस्थाएँ एक साथ आकर युवाओं को नई दिशा देने की कोशिश कर रही हैं।
बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ प्रतियोगिता नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की “खेल संस्कृति” का उत्सव बन चुका है।



