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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता–सहायिका संयुक्त मंच का महाधरना प्रदर्शन..

क्या हो रहा है?
- आज रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता–सहायिका संयुक्त मंच द्वारा बड़ा धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।
- इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएँ शामिल होंगी।
- आंदोलन के कारण आज सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे, जिससे बच्चों के पोषण और प्री-स्कूल गतिविधियों पर असर पड़ेगा।

क्यों कर रही हैं प्रदर्शन? (मुख्य लंबित माँगें)
हाल के वर्षों में आंगनबाड़ी कर्मियों की सामान्य माँगें इस प्रकार रही हैं —
- मानदेय वृद्धि – वर्तमान में मानदेय बहुत कम है, इसे न्यूनतम वेतन के बराबर करने की माँग।
- स्थायीकरण – वर्षों से सेवा देने के बाद भी इन्हें नियमित/स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला।
- सेवानिवृत्ति लाभ – पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य सामाजिक सुरक्षा सुविधाएँ।
- कार्य का बोझ कम करना – केंद्र पर बच्चों की देखरेख, पोषण आहार वितरण, सर्वे, टीकाकरण अभियान और अब डिजिटल रिपोर्टिंग – इन सबका दबाव।
- समानता और सम्मान – शिक्षाकर्मी व अन्य वर्ग की तरह इन्हें भी सरकारी योजनाओं में बराबरी का दर्जा।
असर
- बाल विकास योजनाएँ प्रभावित होंगी, क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए पोषण आहार वितरण और शिक्षा गतिविधियाँ रुक जाएंगी।
- राजधानी रायपुर में यातायात और भीड़ बढ़ने की संभावना है, क्योंकि हजारों की संख्या में कार्यकर्ता-सहायिकाएँ धरना स्थल पर जुटेंगी।
- यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने के लिए है ताकि वे उनकी लंबित माँगों पर निर्णय ले।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में महिला और बच्चों की स्वास्थ्य–पोषण योजनाओं की रीढ़ मानी जाती हैं।
- उनके आंदोलन का सीधा असर महिला एवं बाल विकास विभाग की नीतियों और सरकार की छवि पर पड़ता है।
- यह मुद्दा अक्सर चुनावी समय पर राजनीतिक दलों के वादों का हिस्सा भी बनता है।
👉 कुल मिलाकर, आज का महाधरना केवल वेतन और स्थायित्व की माँगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सम्मान और हक की लड़ाई भी है, जिसमें प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कर्मियों की एकजुटता दिखेगी।