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एयर इंडिया क्रैश के बाद फ्लाइंग एंग्जायटी

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के हादसे के बाद लोगों में विमान यात्रा को लेकर डर बढ़ा है। इस बीच रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर दीनश कुमार का ₹३०,००० का थेरेपी कोर्स लोगों को डर कम करने के लिए मदद कर रहा है।
एयर इंडिया के ऐतिहासिक हादसे (Flight 171: अहमदाबाद से लंदन गाटविक के लिए) के बाद क्यों फ्लाइंग एंग्जायटी (हवाई यात्रा का डर) तीव्र हो गया है .
- 12 जून 2025 को अहमदाबाद में Air India Flight 171 (Boeing 787‑8) टेकऑफ़ के 30 सेकंड में क्रैश कर गया।
- इसमें 242 लोगों में से 241 यात्री और चालक दल की मौत हो गई, और ≥39 लोगों की जगह पर ही जान गई ।
- एकमात्र जीवित बचा यात्री, ब्रिटिश नागरिक विष्वश कुमार रमेश (सीट 11A), इमरजेंसी निकास से बाहर कूद गया और गंभीर रूप से जलकर भी बचा – जिसे “सीट 11A का चमत्कार” कहा गया ।

📈 फ्लाइंग एंग्जायटी में उछाल
- हादसे के बाद पूरे भारत में विमान यात्रा का डर सामान्य लोगों में बहुत तेजी से बढ़ा।
- रिटायर्ड IAF विंग कमांडर K. Dinesh (दीनश कुमार) ने RSO नाम से एक अंग्रेजी–हिंदीं ट्रीटमेंट/थेरापी प्रोग्राम चलाया है, जिसकी फीस लगभग ₹40,000 (~US$ 500) प्रति कोर्स है ।
- Reuters की रिपोर्ट में कहा गया: “… Flying anxiety peaks in India after fatal Air India crash … Retired Air Force officer Dinesh K. has seen a surge in demand for his $500 therapy course to help people overcome their fear of flying …”
- दूसरी रिपोर्ट्स में बताया गया कि mental health professionals — जैसे Government Hospital, Mental Health (Ahmedabad) और Kolkata की टीम — को ज्यादा distress कॉल्स मिल रहे हैं (insomnia, panic attacks, disrupted eating इत्यादि), जहां हेल्पलाइन्स जैसे TeleMANAS भी ओवरलोड हो रही हैं ।
🔍 थेरापी विधियाँ (डॉ. Dinesh का तरीका)
- Cockpit Vista नाम की कंपनी (स्थापित 2016, Bengaluru आधारित) द्वारा चलाया जाने वाला कोर्स काफी चर्चित है ।
- इसमें शामिल है:
- एक real-size cockpit simulator में सिमुलेटेड फ्लाइट एक्सपोज़र – तकनीकी और मनोवैज्ञानिक स्पष्टीकरण।
- पायलट और ATC की भूमिका समझना – यात्रियों को नियंत्रण की भावना देना।
- असली फ्लाइट के साथ expert-led exposure flight.
- Deep breathing और फ्रेमिंग तकनीक, कैबिन इमेजरी का उपयोग ।
- दीनश कुमार बताते हैं कि क्रैश जैसी खबरों से ट्रिगर होने वाले लोगों में, चाहे वे सामान्य यात्री हों या OCD/Anxiety के शिकार, मदद की बहुत जरूरत होती है।
- उन्होंने कहा कि: “Whenever there’s a plane crash anywhere in the world, the number of queries increases manifold … some are unable to board a flight even in times of family or health emergencies.”
🧠 एक्सपर्ट सिफ़ारिशें
- मनोचिकित्सक सलाह: सेडेटिव (जैसे यात्राओं के समय हल्की दवाइयाँ), थेरेपी और संकेत-आधारित एक्सपोज़र – जहां शॉर्ट फ्लाइट्स धीरे-धीरे मदद करते हैं ।
- ब्रीदिंग एक्सरसाइज़, open conversation, और psychoeducation — यात्रियों को भय के पीछे की वैज्ञानिक समझ देना
- हेल्पलाइन सपोर्ट — TeleMANAS और अन्य संस्थाएं सुस्तावस्था टूटने तथा लंबी अवधि के मानसिक असर को रोकने में सहयोग कर रही हैं