क्राइम

आबकारी उड़नदस्ता की टीम ने दो अलग-अलग रेड कर दो लोगों को गिरफ्तार किया।…

राजपुर (बलरामपुर) में सरगुजा संभागीय आबकारी उड़नदस्ता की टीम ने दो अलग-अलग रेड कर दो लोगों को गिरफ्तार किया। पहली रेड शर्मा ढाबा (बघिमा) में कराई गई जहाँ ढाबे, घर और वहां खड़ी इनोवा से शराब की बोतलें बरामद हुईं — 13 सिंबा स्ट्रांग बीयर, 2 रॉयल चैलेंज व्हिस्की और 10 पाव आफ्टर डार्क व्हिस्की। दूसरी कार्रवाई बूढ़ा बगीचा में हुई जहाँ सूरज सोनी के घर/दुकान से 53 REXOGESIC इंजेक्शन और 53 AVIL इंजेक्शन मिले। दोनों आरोपियों को 11 अक्टूबर 2025 को राजपुर न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया। (आपने यह विवरण दिया।)

भगौत कानूनी धाराएँ — क्या बोले गए हैं और उनका मतलब

  1. आबकारी (State Excise) संबंधित गिरफ़्तारी
    — शराब/बियर की गैरकानूनी बिक्री/भंडारण और दुकान-पर तस्करी आम तौर पर राज्य-स्तरीय आबकारी (Excise) कानूनों के अंतर्गत आती है। राज्यों के आबकारी कानूनों में बिना लाइसेंस बिक्री, अवैध भंडारण या नकली/अनुरोधित पैकेजिंग पर जुर्माने और जेल की सज़ा हो सकती है; यह सज़ा और जुर्माना राज्य-कानून और क़िस्म (non-duty paid, spurious, illicit sale) पर निर्भर करता है। I
  2. एनडीपीएस एक्ट — धारा 22(c) का संदर्भ
    — रिपोर्ट में कहा गया कि इंजेक्शन बरामद करने पर आरोपी को “एनडीपीएस एक्ट की धारा 22(C)” के तहत गिरफ्तार किया गया। नेशनल-ड्रग्स-एंड-साइकोट्रोपिक-सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के धारा 22 में ‘psychotropic substances’ (यानि मनोवैज्ञानिक असर वाले पदार्थ) के सम्बन्ध में सज़ाएँ लिखी हैं। इसमें अलग-अलग मात्रा (small quantity / quantity < commercial / commercial quantity) के आधार पर सज़ा निर्धारित है — सामान्यतः commercial quantity में सज़ा 10 से 20 साल तक की कठोर कैद और भारी जुर्माना तक हो सकती है; छोटी मात्रा पर सज़ा कम (उदा. 1 साल तक या जुर्माना) रहती है। (कृपया नोट करें: रिपोर्ट में 22(C) लिखा गया है; NDPS-Act में 22 के उप-खंड (a),(b),(c) में मात्रा अनुसार दण्ड बताये गए हैं — इसलिए स्थानीय पुलिस/प्रोसेक्यूशन ने संभवतः 22(c) अर्थात् ‘quantity = commercial’ के अनुरूप धाराएँ लगायी हों या रिपोर्ट में इसी रूप में उल्लेख हुआ है।)

इंजेक्शनों के बारे में (REXOGESIC और AVIL)

  • AVIL (Pheniramine maleate): यह एक एंटी-हिस्टामिन इंजेक्शन है, एलर्जी/रैश/सिरदर्द/अन्य प्रतिक्रियाओं में उपयोगी दवा; भारत में ब्रांड-इन्फो और पी॰आई.शीट उपलब्ध हैं। चिकित्सा उपयोग के बावजूद, इंजेक्शन-दवाओं का बिना प्रिस्क्रिप्शन या गैर-कानूनी बिक्री-बाज़ार में उपयोग और बिकना गलत है।
  • REXOGESIC: इस नाम का स्पष्ट, सर्वमान्य ब्रांड-प्रोफ़ाइल वेब पर सीधे नहीं मिला (क्षेत्रीय/स्थानीय ब्रांड-नाम हो सकता है)। अक्सर बाजार में “—gesic” वाले नाम दर्दनाशक/एनेल्जेसिक (कुछ मामलों में ओपिओइड/नार्कोटिक-प्रकार) के ब्रांड होते हैं — उदाहरण के लिए buprenorphine या उससे मिलती दवाएँ (जिनका दुरुपयोग/विक्री NDPS-रिस्क बन सकती है)। बरामद 53 इंजेक्शन की संख्या देखते हुए अधिकारियों ने इसे नशीला/नियंत्रित प्रदार्थ मानकर NDPS के तहत कार्रवाई की होगी — पर REXOGESIC के सटीक घटक/क्लास को कन्फ़र्म करने के लिए बोतल/एम्पुल पर लिखी मूल सामग्री का रासायनिक-लेबल देखना ज़रूरी होगा।

क्यों गंभीर मामला माना गया (सार)

  • इंजेक्शन (विशेषकर जिनमें buprenorphine जैसे opioid-type पदार्थ या किसी psychotropic घटक हों) का अवैध विक्रय गंभीर है क्योंकि इनका दुरुपयोग, नशे की लत, और overdose का जोखिम रहता है; NDPS अधिनियम इन्हें सख्ती से नियंत्रित करता है।
  • शराब का अवैध व्यापार भी सार्वजनिक स्वास्थ्य (spurious liquor से मौतें) और कर-उपादान (revenue loss) का मुद्दा है, इसलिए आबकारी दल सक्रिय रहता है।

इस तरह की कार्रवाइयों के बाद क्या होता है (प्रोसीजर)

  1. गिरफ्तारी और पेशी: कस्टडी में आरोपी को अदालत में पेश किया जाता है; रिपोर्ट के अनुसार 11 अक्टूबर 2025 को उन्हें राजपुर न्यायालय में रिमांड के लिए पेश किया गया और जेल भेजा गया। (आपके लेखानुसार)
  2. फॉरेन्सिक/लैब-टेस्ट: बरामद दवाइयों/इंजेक्शनों की लैब-जांच की जाएगी — असल सक्रिय सामग्री और मात्रा तय होगी; वही अदालत में सबूत होगा और धाराओं के वर्गीकरण (small/lesser/commercial) में निर्णायक होगा।
  3. पुष्टि/प्रसिक्यूशन: अगर लैब में नियंत्रित पदार्थ/निर्दिष्ट मात्रा पायी गयी तो अभियोग कठोर हो सकते हैं; वरना मामूली/न्यून दंड भी संभव है।

समाजिक-नैतिक और प्रशासनिक पहलू

  • ऐसे रेड स्थानीय स्तर पर ज़रूरी हैं — क्योंकि इंजेक्शन-बाज़ार/गैरकानूनी शराब दोनों ही सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
  • प्रशासन ने बताया कि अभियान निरंतर चल रहा है; समुदाय से भी सूचना (tip-offs) देने की अपील अक्सर की जाती है — इससे और रेड सम्भव हैं। (रिपोर्ट में टीम और अधिकारियों के नाम का उल्लेख भी है।)

सार / प्रमुख बिंदु (तुरंत समझने के लिए)

  • दो अलग-अलग कार्यवाहियों में: ढाबे से शराब, घर/दुकान से 53+53 इंजेक्शन बरामद।
  • आबकारी (liquor) मामले में स्थानीय आबकारी कानून लागू; इंजेक्शन-किस्से में NDPS एक्ट की धारा 22 के तहत दंड सम्भव (मात्रा पर निर्भर कर के सज़ा 1 साल से लेकर 20 साल तक)।
  • AVIL एक विधिवत एंटी-हिस्टामिन इंजेक्शन है; REXOGESIC का ब्रांड-मैच स्थानीय/फार्मा-लेबल से देख कर कन्फ़र्म करना होगा — क्योंकि नाम के आधार पर सटीक घटक सुनिश्चित नहीं हुआ।

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