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आज सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच करेगी सुनवाई,दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों का मामले में…

यह मामला आज, 14 अगस्त 2025 (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट की नई तीन-जजों की स्पेशल बेंच के सामने आया है। नीचे पूरा अपडेट—कौन-कौन जज हैं, पहले क्या आदेश हुआ था, आज कोर्ट में क्या कहा गया, और अभी स्थिति क्या है:

क्या बदला—नई बेंच क्यों?

  • चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के हस्तक्षेप के बाद यह केस पहले वाली दो-जजों की बेंच से हटाकर नई तीन-जजों की बेंच को सौंपा गया। नई बेंच: जस्टिस विक्रम नाथ (प्रेसाइडिंग), जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया। पहले आदेश देने वाले जज (जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन) इस नई सुनवाई में शामिल नहीं हैं।

11 अगस्त के आदेश में क्या कहा गया था?

  • 11 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की बेंच ने दिल्ली-NCR में सभी आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़कर शेल्टर में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था।
  • दिल्ली-NCR की एजेंसियों को कम से कम 5,000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर्स 6–8 हफ्तों में तैयार करने को कहा गया था; कुत्तों को दोबारा सड़कों पर रिलीज़ नहीं करने, CCTV मॉनिटरिंग, स्टरलाइज़ेशन/टीकाकरण और मानवीय देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए थे।

आज की सुनवाई में क्या हुआ?

  • नई तीन-जजों की बेंच ने अंतरिम स्टे (रोक) की मांग पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर आदेश सुरक्षित (reserved) रख लिया है। यानी कोर्ट ने तुरंत कोई अंतिम/अंतरिम आदेश नहीं दिया; वह दलीलों पर विचार करके आदेश सुनाएगी।
  • बेंच का ऑब्ज़र्वेशन: समस्या का मूल कारण स्थानीय प्राधिकरणों की नियमों के अनुपालन में ढिलाई/निष्क्रियता है।
  • दलीलें:
    • कपिल सिब्बल (NGO “Project Kindness” की ओर से) ने कहा कि बिना नोटिस ऐसे सुओ-मोटो आदेश नहीं दिए जा सकते; 11 अगस्त वाले आदेश पर स्टे मांगा और पूछा—“कुत्तों को पकड़ कर ले जाएंगे तो कहां रखेंगे?”
    • सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि सरकार और MCD का स्टैंड है—जो नियम हैं, वही पालन होने चाहिए

ज़मीन पर क्या हो रहा है?

  • MCD ने बताया कि आदेश के बाद दो दिनों में ~100 कुत्ते उठाए गए; 20 ABC सेंटर को अस्थायी शेल्टर में बदला गया और Outer Delhi में 85 एकड़ ज़मीन पहचानी गई है। (यह प्रशासनिक तैयारी का दावा है; इस पर भी कोर्ट की निगरानी/स्पष्टीकरण आगे हो सकता है।)
  • सार्वजनिक प्रतिक्रिया: कई संगठनों/एक्टिविस्टों ने आदेश की आलोचना की है; मेनेका गांधी ने भी इसे “unworkable” कहा और सभी स्टेकहोल्डर्स से परामर्श की बात कही।

अभी की स्थिति (14 अगस्त, दोपहर तक)

  • इंटरिम स्टे पर आदेश सुरक्षित है; इसलिए 11 अगस्त का विवादित निर्देश (स्ट्रे-डॉग्स को शेल्टर में भेजने/शेल्टर क्षमता बढ़ाने आदि) पर तुरंत कोई नई राहत/रोक घोषित नहीं हुई है। आगे का स्पष्ट मार्गदर्शन कोर्ट के आरक्षित आदेश में आएगा।

आपके लिए मतलब—अभी क्या ध्यान रखें?

  • जब तक कोर्ट स्पष्ट अंतरिम आदेश न दे, स्थानीय नियम/ABC प्रोटोकॉल और नगर निकायों के वैध निर्देश लागू रहेंगे।
  • RWAs/नागरिक: शिकायतें/काटने के मामलों को MCD/नगर निकायों को लिखित/हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज करें; स्वयं पकड़ने/हिंसा जैसी गैर-कानूनी गतिविधियों से बचें।
  • फीडर्स/वॉलंटियर्स: यदि किसी कुत्ते को उठाया जा रहा है, तो ABC/वैकसीन/स्टेटस का रिकॉर्ड संभाल कर रखें और शेल्टर में टैग/एंट्री की जानकारी नोट करें—ताकि ट्रैकिंग में मदद मिले।

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