बिलासपुर

एक ही ट्रैक पर आईं तीन ट्रेनें, बाल-बाल टला बड़ा रेल हादसा….

बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गुरुवार सुबह बिलासपुर रेल मंडल के गतौरा से आगे लाल खदान के पास एक ही रेलवे ट्रैक पर तीन ट्रेनें आमने-सामने आ गईं, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए दोनों पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचा ली।


कैसे बनी खतरनाक स्थिति

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार—

  • एक मालगाड़ी पहले से ही एक ही पटरी पर खड़ी थी
  • उसके पीछे कोरबा–बिलासपुर पैसेंजर ट्रेन पहुंच गई
  • और उसके ठीक पीछे बी.आर. रायगढ़–बिलासपुर पैसेंजर ट्रेन भी उसी ट्रैक पर आ गई

यह तीनों ट्रेनें एक ही लाइन पर बेहद कम दूरी पर मौजूद थीं, जिससे किसी भी क्षण बड़ा हादसा हो सकता था।


इमरजेंसी ब्रेक से टला हादसा

स्थिति को भांपते हुए दोनों पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया।

  • दोनों पैसेंजर ट्रेनें मालगाड़ी से मात्र 25 से 50 मीटर की दूरी पर रुक गईं
  • यदि कुछ सेकंड की भी देरी होती, तो भीषण टक्कर से इंकार नहीं किया जा सकता था

यात्रियों में मचा हड़कंप

अचानक ब्रेक लगने से ट्रेनों के अंदर अफरा-तफरी मच गई
बी.आर. लोकल ट्रेन में यात्रा कर रहे अकलतरा निवासी व्यवसायी दीपक माधवानी ने बताया—

“मैं ट्रेन की तीसरी बोगी में था। अचानक जोरदार झटका लगा। लोगों को कुछ समझ नहीं आया, सभी घबरा गए। कुछ देर तक ट्रेन के अंदर दहशत का माहौल बना रहा।”

यात्रियों के मुताबिक कई लोग सीट से उठ खड़े हुए और बच्चों-महिलाओं में भय का माहौल बन गया।


घटना का समय

यह पूरी घटना गुरुवार सुबह करीब 10:49 बजे की बताई जा रही है।


पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह कोई पहली घटना नहीं है—

  • राउटर के पास पहले ऐसी ही घटना में दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है
  • जयरामनगर के पास भी इसी तरह बड़ा हादसा होते-होते बचा था
  • यह तीसरी घटना है, जब खड़ी मालगाड़ी के पीछे यात्री ट्रेन पहुंच गई

लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से रेलवे सिग्नलिंग और संचालन व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।


सतर्कता से बचीं सैकड़ों जानें

इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, जिसे लोको पायलटों की सूझबूझ और सतर्कता का परिणाम माना जा रहा है। यात्रियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह महज सौभाग्य या देवयोग था कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।


निष्कर्ष

एक ही ट्रैक पर तीन ट्रेनों का पहुंच जाना रेलवे सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है। समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में कोई बड़ा रेल हादसा टाला नहीं जा सकेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button