जिला अस्पताल बैकुंठपुर में लापरवाही की हद

जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर के शिशु वार्ड में स्वच्छता का हाल बद से बदतर हो चुका है। अस्पताल में भर्ती बच्चों के बेड, फर्श और आसपास की जगहों पर बड़ी संख्या में कीड़े-मकोड़े नजर आए। शिशु वार्ड को ICU की तर्ज पर हाई-केयर ज़ोन माना जाता है,

जहाँ साफ-सफाई और संक्रमण-नियंत्रण के सख्त नियम लागू होते हैं—लेकिन यहाँ न तो स्वच्छता का पालन दिख रहा है और न ही स्टाफ की जवाबदेही।परिजनों ने बताया किकीड़े बच्चों के कपड़ों और बेड तक पर पहुंच जाते हैं,कई बार रातभर बच्चे रोते रहते हैं,स्टाफ को कई बार बताया गया, लेकिन कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई।बढ़ा इंफेक्शन का खतरा
शिशु वार्ड में कीड़ों का फैलना अत्यंत खतरनाक है।
विशेषज्ञों के अनुसार—
✔ नवजात और छोटे बच्चे संक्रमण के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।
✔ गंदगी या कीड़ों के संपर्क में आने से स्किन इन्फेक्शन, सेप्सिस, फेफड़ों का संक्रमण, यहाँ तक कि लाइफ-थ्रेटनिंग इन्फेक्शन का भी जोखिम बढ़ जाता है।
प्रशासन की लापरवाही उजागर
यह पहला मौका नहीं है जब बैकुंठपुर जिला अस्पताल में साफ-सफाई को लेकर सवाल उठे हों।
लेकिन इस बार मामला बच्चों के जीवन से जुड़ा है, इसलिए स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
बताया जा रहा है कि
सफाई व्यवस्था ठेकेदार के भरोसे है,निरीक्षण के नाम पर औपचारिकता की जाती है,और वार्ड सुपरविजन बेहद कमजोर है।
परिजनों की मांग – जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो
बच्चों के परिजनों ने कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि—
शिशु वार्ड की सफाई व्यवस्था तुरंत सुधारी जाए,
वार्ड कीटनाशक स्प्रे कराया जाए,और लापरवाह स्टाफ पर कार्रवाई की जाए।



