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“डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस: मोदी–शाह के बंगले सजकर तैयार, 3 दिन प्रवास में मेथी-सरसों व बथुआ भाजी से मिलेगा छत्तीसगढ़ स्वाद”…

  • 60वीं अखिल भारतीय डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस 28 से 30 नवंबर 2025 तक नवा रायपुर (IIM रायपुर परिसर) में आयोजित हो रही है। इस सम्मेलन में नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री), अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) और अजीत डोभाल (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) सहित देशभर के शीर्ष पुलिस व सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे।
  • इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के लिए रायपुर और नवा रायपुर को “वेरी हाई सिक्योरिटी ज़ोन” में तब्दील कर दिया गया है। SPG, राज्य पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं।

🏠 बंगलों और रहने की व्यवस्थाएँ

  • पीएम मोदी को नवा रायपुर के स्पीकर-हाउस एम-1 में ठहराया जाएगा।
  • गृह मंत्री अमित शाह के लिए एम-11 बंगले (वित्त मंत्री का आवास) को वीवीआईपी-मानकों अनुसार तैयार किया गया है। इसमें नए फर्नीचर, आधुनिक सुविधाएँ और सुरक्षा इंतज़ाम शामिल हैं।
  • उनके साथ आने वाले अधिकारियों के लिए भी परिसर में अलग-ठहरने व मीटिंग हॉल की व्यवस्था हुई है। वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे high-level मीटिंग्स सुचारू तरीके से हो सकेंगी।
  • इसके अलावा, जिस तरह राज्य प्रशासन ने इस आयोजन को संभाला है, वह दिखाता है कि नवा रायपुर को अस्थायी “मिनी-PMO / सुरक्षा हब” बनाकर तैयार किया गया है।

🍲 भोजन और खानपान — स्थानीय स्वाद के साथ

  • तीन दिनों के प्रवास के दौरान मोदी-शाह एवं अन्य VVIPs के लिए भोजन की व्यवस्था सरकारी बंगलों में ही की गई है — निजी होटल की बजाय। इससे “मितव्ययिता” और सुरक्षा — दोनों का ख्याल रखा गया है।
  • बताया गया है कि मेन्यू में पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी के साथ-साथ मेथी, सरसों और बथुआ जैसी स्थानीय, मौसमी सब्जियाँ शामिल होंगी — यानी उन्होंने “छत्तीसगढ़ी स्वाद” को भी जगह दी है।
  • इसके लिए एक बड़े होटल के अनुभवी शेफ से अनुबंध किया गया है ताकि वीवीआईपी हितधारकों को स्वच्छ, पौष्टिक और सुरक्षित भोजन मिल सके।

🎯 सम्मेलन की थीम व उद्देश्य

  • यह कॉन्फ्रेंस सिर्फ ठहरने-खानपान तक सीमित नहीं है — बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा, नक्सलवाद, साइबर अपराध, आतंकवाद, सीमा सुरक्षा, आधुनिक पुलिसिंग, इंटेलिजेंस शेयरिंग आदि विषयों पर चर्चा का मंच है।
  • खास कर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति, बस्तर सहित सुरक्षा चुनौतियाँ और केंद्र–राज्य सुरक्षा समन्वय की समीक्षा इस बैठक की प्रमुख एजण्डा है।
  • इस प्रकार, छत्तीसगढ़ की मेजबानी इस सम्मेलन को न सिर्फ एक रिक्रिएशन स्थल बनाती है, बल्कि राष्ट्रीय रणनीतिक दिशा एवं सुरक्षा-नीति के महत्वपूर्ण निर्णयों का केंद्र भी बनाती है।

📌 सार — क्यों है यह आयोजन खास

  • यह पहली बार है कि 60वीं डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन छत्तीसगढ़ में हो रहा है — जो राज्य के लिए सम्मान की बात है।
  • सरकारी बंगलों को वीवीआईपी-स्तर पर सजाया गया है — जिससे बड़े नेताओं, सुरक्षा अधिकारियों व नीति निर्माताओं के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन की कार्यकुशलता और तैयारी का भी परिचय मिलता है।
  • स्थानीय स्वाद (मेथी-सरसों-बथुआ) शामिल कर, दिखाया गया है कि आयोजकों ने सिर्फ सुरक्षा या आयोजन की सुविधाओं तक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक व सामुदायिक जुड़ाव का भी ध्यान रखा है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा, नक्सल उन्मूलन, आधुनिक पुलिसिंग और कानून-व्यवस्था पर यह सम्मेलन अगले कुछ सालों की रणनीति तय करेगा — इसलिए इसकी अहमियत सिर्फ आयोजन नहीं, बल्कि नीति-निर्माण (policy-making) में है।

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