राजनीति

आज (14 नवम्बर 2025) मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट बैठक…

सभा का सार और समय/स्थान

  • दिनांक/समय: अधिकांश स्थानीय सूचनाओं के अनुसार कैबिनेट बैठक 14 नवम्बर 2025 को सुबह/दोपहर के घंटों में बुलाई गई है — कुछ स्रोतों में समय सुबह 11:00–11:30 बताया गया है जबकि कुछ में दोपहर 12:00 भी लिखा है। (स्रोतों में मिनटों का अंतर है)।
  • स्थान: मंत्रालय — महानदी भवन, अटल नगर (नवा रायपुर)
  • अध्यक्षता: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं करेंगे; बैठक में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और संबंधित विभागों के अधिकारी तथा मंत्रिगण शामिल होंगे।

2) मुख्य संभावित एजेंडा (क्या-क्या बात हो सकती है)

ये आइटम स्थानीय अखबार/न्यूज़ रिपोर्टों में बार-बार उभर रहे हैं — जिन पर चर्चा और अंतिम निर्णय आने की सम्भावना सबसे अधिक है:

  1. धान (पैडी) खरीदी व्यवस्था — समीक्षा और अंतिम निर्णय
    • समर्थन मूल्य, खरीदी शुरू होने की तारीख, खरीदी केन्द्रों की व्यवस्था, परिवहन-प्रबंधन और किसानों के भुगतान के तंत्र पर चर्चा। पिछली सूचनाओं के अनुसार सरकार 15 नवम्बर से खरीदी आरंभ करने के विकल्प पर अंतिम तैयारियाँ/निर्णय ले सकती है।
  2. किसानों के भुगतान — भुगतान-समय और पारदर्शिता
    • किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के उपाय (ऑनलाइन/बैंकिंग प्रोसेसिंग, टोकन/एप आधारित शेड्यूलिंग, भुगतान-लिमिट आदि) पर निर्णय की उम्मीद। कुछ रिपोर्टें बायोमेट्रिक/टोकन आधारित खरीदी प्रणाली पर भी इशारा करती हैं।
  3. हाफ बिजली बिल/बिजली सब्सिडी योजनाएँ
    • राज्य स्तरीय बिजली सहायता/छूट योजनाओं पर बयान या मंजूरी की संभावना — कुछ सूचनाएँ ‘हाफ बिजली बिल’ जैसी पहलों पर चर्चा बताती हैं।
  4. जनजातीय गौरव दिवस/विशेष कार्यक्रमों की तैयारी
    • जनजातीय कार्यक्रमों/समारोहों के आयोजन, बजट या लॉजिस्टिक्स पर विचार-विमर्श।
  5. विधानसभा शीतकालीन सत्र की तिथियाँ/व्यवस्था
    • शीतकालीन सत्र की तारीख़, एजेंडा और संसदीय व्यवस्थाओं पर विचार

उल्लेखनीय: स्थानीय रिपोर्टों में यह भी संकेत है कि कैबिनेट कुछ प्रशासनिक/वित्तीय मंजूरियों और विभागीय प्रस्तुतियों पर भी निर्णय ले सकती है।


3) धान खरीदी पर क्या-किस तरह के फैसले आ सकते हैं .

  • खरीदी की आधिकारिक तारीख़ की घोषणा या अंतिम पुष्टि (बताई जा रही प्रारंभिक तारीख़ — 15 नवम्बर — पर अंतिम मुहर)।
  • खरीदी की प्रक्रिया में पारदर्शिता के उपाय: टोकन-आधारित शेड्यूलिंग (मोबाइल/ऑनलाइन), बायोमेट्रिक सत्यापन, केंद्रों का प्रशासनिक ढाँचा तीव्र करने के निर्देश। इससे धान के व्यपवर्तन/फर्जी खरीद को रोका जाना है।
  • किसानों को भुगतान की टाइमलाइन: रिपोर्ट्स में सरकार का लक्ष्य 6–7 दिन के भीतर भुगतान बताने का पूर्व लक्ष्य बताया गया है — बैठक में भुगतान-प्रक्रिया को तेज करने के उपायों पर निर्णय सम्भावित है।
  • लॉजिस्टिक्स और परिवहन: क्रॉस-वेरिफिकेशन, स्टोरेज/गोदाम, टीमें और निगरानी व्यवस्था सहित लॉजिस्टिक निर्णय।

4) किसानों व आम जनता पर असर…

  • यदि कैबिनेट खरीदी तिथि और भुगतान-तंत्र अंतिम रूप दे देती है → सीधे किसानों को जल्दी ही लाभ और नकदी प्रवाह मिलने की संभावना बढ़ेगी।
  • टोकन/बायोमेट्रिक जैसे कदम लागू हुए तो लेन-देन पारदर्शी होंगे — पर शुरुआती दिनों में तकनीकी/लॉजिस्टिक चुनौतियाँ आ सकती हैं (ट्रेनिंग/सहायता आवश्यक होगी)।

5) प्रेस/नागरिका को क्या-क्या देखने को मिलेगा ..

  • बैठक के बाद अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति और समाचार एजेंसियों में निर्णयों का संक्षेप आएगा — खासकर धान खरीदी/भुगतान से जुड़े बिंदु।
  • अनौपचारिक सूत्रों/मंत्रालय से पहले-हाथ जानकारी के बाद स्थानीय रिपोर्ट्स अपडेट होंगी — इसलिए शाम तक अधिक स्पष्ट तस्वीर मिलने की संभावना है।

6) कौन-कौन उपस्थित होंगे / कौन-सी विभागीय जानकारी जरूरी होगी

  • मुख्यमंत्री, संबंधित मंत्री (कृषि, खाद्य आपूर्ति, वित्त, ऊर्जा), मुख्य सचिव और विभागाध्यक्ष (कृषि, खाद्य, लोक परिवहन, बिलिंग/विद्युत)।
  • अधिकारी कैबिनेट के समक्ष: खरीदी-नियमावली का ड्राफ्ट, भुगतान-प्रवाह की प्रक्रियाएँ, खरीदी केंद्रों का मैप/लॉजिस्टिक्स रिपोर्ट, बजट-आवंटन दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे।

7) क्या खास सावधानी/नज़र रखनी चाहिए (आपके लिए)

  • यदि आप किसान/किसी कृषि समूह से जुड़े हैं → आधिकारिक सूचना (सरकारी नोटिफिकेशन/विभाग की वेबसाइट या जिला कार्यालय) पर नजर रखें; स्थानीय क्रय केंद्र के फोन नंबर/टोकन एप अपडेट लें।
  • आम पाठक/नागरिक → प्रेस रिलीज़ और भरोसेमंद अखबारों/सरकारी चैनलों की आधिकारिक रिपोर्ट देखें (क्योंकि लोक-स्तर पर सुचित निर्णय वही आधिकारिक माने जाएँगे)।

8) संक्षेप…

आज की कैबिनेट बैठक मुख्यतः धान खरीदी और किसानों के भुगतान, साथ ही कुछ सामाजिक/ऊर्जा योजनाओं (जैसे हाफ-बिल योजना) और शीतकालीन सत्र व जनजातीय कार्यक्रमों की तैयारियों पर निर्णायक रूप से चर्चा करेगी — इसलिए किसानों व संबंधित पक्षों के लिए यह बैठक बहुत अहम मानी जा रही है।

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