छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यवसायियों और करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है

छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यवसायियों और करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है — अब जीएसटी (Goods and Services Tax) का भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल माध्यमों से किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस नई व्यवस्था की जानकारी एक्स (X) पर साझा की और इसे राज्य की अर्थव्यवस्था में “पारदर्शिता, सुविधा और विश्वास” बढ़ाने वाला कदम बताया।

🔹 मुख्य बातें विस्तार से:

  1. डिजिटल भुगतान का विस्तार पूरे राज्य में:
    • अब व्यापारी और करदाता पारंपरिक बैंक चालान या नकद भुगतान की जगह डिजिटल माध्यमों — जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और UPI — का इस्तेमाल करके सीधे GST पोर्टल पर कर जमा कर सकेंगे।
    • यह सुविधा पहले सीमित रूप में कुछ जिलों में उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है।
  2. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विज़न:
    • सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य शासन की प्रक्रियाओं को सरल, सुलभ और पारदर्शी बनाना है।
    • यह निर्णय “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” (Ease of Doing Business) के मानकों को मजबूत करेगा और राज्य को डिजिटल भारत मिशन के अनुरूप आगे ले जाएगा।
  3. व्यापारियों और करदाताओं को सीधा लाभ:
    • अब कर भुगतान के लिए बैंक जाने या जटिल प्रक्रियाओं का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी।
    • UPI या कार्ड भुगतान से तुरंत लेन-देन की पुष्टि हो जाएगी।
    • इससे समय की बचत, ट्रांजैक्शन की पारदर्शिता और रिकॉर्ड रखने में सुविधा मिलेगी।
  4. पारदर्शिता और विश्वास में वृद्धि:
    • डिजिटल भुगतान से भ्रष्टाचार या देरी की संभावना कम होगी।
    • राज्य सरकार को रियल-टाइम डेटा मिलेगा, जिससे टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता और कर अनुपालन में सुधार होगा।
  5. तकनीकी सहायता और शिकायत निवारण:
    • सरकार ने यह भी कहा है कि करदाताओं को किसी तकनीकी कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष हेल्पडेस्क और सपोर्ट सेंटर तैयार किए जा रहे हैं।
    • भविष्य में राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा डिजिटल भुगतान से जुड़ी ट्रेनिंग और वर्कशॉप भी आयोजित की जाएगी।

🔸 यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?

  • छत्तीसगढ़ जैसे तेजी से विकसित होते राज्य में यह पहल डिजिटल गवर्नेंस को नई दिशा देगी।
  • छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSME सेक्टर) के लिए यह लेन-देन की गति और पारदर्शिता बढ़ाने में मददगार होगी।
  • केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया नीति के अनुरूप यह राज्य को तकनीकी रूप से और भी मजबूत बनाएगा।

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