मटिया नाला में स्टापडेम निर्माण के लिए 3.36 करोड़ रूपए स्वीकृत….

छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण सिंचाई और जल संरक्षण योजना से जुड़ी है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण, कृषि सिंचाई और स्थानीय जल उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वीकृत की गई है।
आइए इसे विस्तार से समझते हैं 👇
💧 मटिया नाला स्टॉपडेम निर्माण योजना — संक्षिप्त विवरण
📍 स्थान:
बलौदाबाजार-भाटापारा जिला
➡️ विकासखंड — कसडोल
➡️ नाला — मटिया नाला
💰 स्वीकृत राशि:
कुल ₹3 करोड़ 36 लाख 60 हजार (₹3.36 करोड़)
यह राशि छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग द्वारा जारी की गई है।
🏗️ योजना का उद्देश्य और उपयोग
मटिया नाला पर बनने वाला यह स्टॉपडेम (Stop Dam) एक बहुउद्देशीय जलसंरचना परियोजना है।
इससे स्थानीय स्तर पर निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे 👇
1. 🚰 निस्तारी (Domestic Use) के लिए जल उपलब्धता
ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग — जैसे पशुओं के लिए पानी, सफाई, एवं सार्वजनिक उपयोग — के लिए पर्याप्त जल संग्रह सुनिश्चित होगा।
2. 🌾 कृषि सिंचाई सुविधा
- परियोजना से लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का प्रस्ताव है।
- किसान अपने स्वयं के पंप या अन्य साधनों से इस पानी का उपयोग कर सकेंगे।
- इससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत मिलेगी।
3. 💧 भूजल संवर्धन (Groundwater Recharge)
- स्टॉपडेम के कारण जल स्तर धीरे-धीरे आसपास के क्षेत्रों में रीचार्ज होगा।
- कुओं और हैंडपंपों में पानी की उपलब्धता पूरे साल बनी रहेगी।

4. 🛣️ आवागमन सुविधा
- स्टॉपडेम का ढांचा ऐसा बनाया जाता है कि स्थानीय ग्रामीणों को पारपथ (Cross Drainage) सुविधा भी मिल सके।
- बरसात के मौसम में नाले पार करने में जो कठिनाई होती है, वह कम होगी।
5. 🚿 पेयजल आपूर्ति में सहयोग
- ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिए भी इससे स्रोत जल की स्थिरता बनी रहेगी।
- पंचायतों को लंबे समय तक सस्टेनेबल वॉटर सोर्स प्राप्त होगा।
🏢 प्रशासकीय प्रक्रिया
- इस योजना को जल संसाधन विभाग, मंत्रालय (महानदी भवन), रायपुर से औपचारिक रूप से प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
- कार्य के लिए मुख्य अभियंता, महानदी-गोदावरी कछार, रायपुर को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- इसके बाद तकनीकी स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निर्माण शुरू होगा।
📈 अपेक्षित प्रभाव
| क्षेत्र | प्रभाव |
|---|---|
| कृषि उत्पादन | फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, रबी फसल क्षेत्र का विस्तार |
| भूजल स्तर | स्थिरता व पुनर्भरण |
| ग्रामीण अर्थव्यवस्था | किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी |
| पर्यावरण | हरियाली व जैव विविधता में सुधार |
| जल प्रबंधन | सतही जल का संरक्षण एवं उपयोग दक्षता में वृद्धि |
🗣️ विशेष महत्व
यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार की “जल जीवन एवं हरित छत्तीसगढ़” दृष्टि के अनुरूप है, जिसमें ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में छोटे जलाशय, एनिकट, और स्टॉपडेम निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
मटिया नाला परियोजना से कसडोल ब्लॉक के किसानों, ग्रामीणों और पशुपालकों को सीधा लाभ होगा।



