राज्योत्सव 2025 का आज पाँचवां और अंतिम दिन रायपुर के नंदनवन मैदान, नवा रायपुर में बेहद उत्साह और उल्लास के माहौल में मनाया..

राज्योत्सव 2025 का आज पाँचवां और अंतिम दिन रायपुर के नंदनवन मैदान, नवा रायपुर में बेहद उत्साह और उल्लास के माहौल में मनाया जा रहा है। इस रजत जयंती वर्ष के समापन अवसर पर पूरे दिन रंगारंग कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रहेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी लोककला, पारंपरिक नृत्य, और बॉलीवुड संगीत का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
🎵 मुख्य आकर्षण : कैलाश खेर का लाइव कॉन्सर्ट
राज्योत्सव की सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण होंगे प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर। वे रात 9 बजे से लाइव परफॉर्मेंस देंगे।
उनकी गायकी — जैसे “तेरी दीवानी”, “अल्लाह के बंदे”, “सैयां” और “तोसे नैना लागे पिया सावरिया” जैसे गीतों — से मंच और दर्शक दीर्घा में ऊर्जा और भावनाओं का समावेश होगा। आयोजन स्थल पर भारी भीड़ की संभावना है, क्योंकि कैलाश खेर के कार्यक्रम का इंतज़ार लोग कई दिनों से कर रहे हैं।

🎭 शाम की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ (शाम 6 बजे से)
राज्योत्सव की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत शाम 6 बजे से होगी, जिसका शुभारंभ मती पूनम विराट तिवारी और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की टीम के सामूहिक कार्यक्रम से होगा। इसके बाद छत्तीसगढ़ी लोककला और भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विविध झलकियाँ देखने को मिलेंगी।
आज मंच पर प्रस्तुति देने वाले प्रमुख कलाकार:
- 🎤 दुर्गा साहू – पंडवानी गायन, महाभारत की कथाओं को छत्तीसगढ़ी लोकशैली में प्रस्तुत करेंगी।
- 💃 डाली थरवानी – कत्थक नृत्य की शास्त्रीय सुंदरता और भावनात्मक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन करेंगी।
- 🎶 संजय नारंग – लोकसंगीत के मधुर सुरों से छत्तीसगढ़ की धरती की खुशबू बिखेरेंगे।
- 💫 सारिका शर्मा – कत्थक नृत्य में आधुनिकता और परंपरा का संगम दिखाएँगी।
- 🌾 महेश्वरी सिंहा – लोकमंच प्रस्तुति में ग्रामीण जीवन के दृश्य प्रस्तुत करेंगी।
- 🎭 चंद्रशेखर चकोर – लोक नाट्य (नाचा) के जरिए सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश देंगे।
- 🎼 नीतिन अग्रवाल – लोकसंगीत की मनमोहक धुनों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर करेंगे।
- 🪘 द्वारिकाप्रसाद साहू – डंडा नृत्य की जोशीली और पारंपरिक प्रस्तुति देंगे।
- 🎤 महुआ मजुमदार – लोकसंगीत में बंगाल और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समरसता पेश करेंगी।
- 🎵 नरेन्द्र जलक्षत्रीय – लोकसंगीत की लहरों पर समापन प्रस्तुति देंगे।
🌟 सांस्कृतिक एकता और लोकगौरव का संगम
कार्यक्रम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की लोकपरंपराओं, संगीत, नृत्य और कला के विभिन्न स्वरूपों को मंच देना है, ताकि नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी रहे।
राज्योत्सव के समापन दिवस पर स्थानीय दर्शकों के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों से आए पर्यटक और कलाकार भी मौजूद रहेंगे। प्रशासन ने सुरक्षा, यातायात और पार्किंग की व्यापक व्यवस्था की है।
समापन समारोह के अंत में राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट कलाकारों और आयोजकों को सम्मानित भी किया जाएगा।



