क्राइम

छोटी ठगी, बड़ा खुलासा,छोटी सी ऑनलाइन साड़ी खरीद की शिकायत ने पुलिस को ₹50 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह तक पहुंचा दिया।

छत्तीसगढ़ पुलिस की हालिया सबसे बड़ी साइबर ठगी की कार्रवाई में से एक है — जिसमें एक छोटी सी ऑनलाइन साड़ी खरीद की शिकायत ने पुलिस को ₹50 करोड़ की ठगी करने वाले राष्ट्रव्यापी साइबर गिरोह तक पहुंचा दिया। नीचे पूरे मामले का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है 👇


🔍 घटना का संक्षिप्त क्रम (Timeline of Events)

1️⃣ शिकायत की शुरुआत — छोटी ठगी, बड़ा खुलासा

  • स्थान: खैरागढ़ (जिला राजनांदगांव, छत्तीसगढ़)
  • शिकायतकर्ता: वसुधा सिन्हा (छात्रा, खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय)
  • घटना: इंस्टाग्राम पर एक ऑनलाइन साड़ी बेचने वाले पेज से ₹64,000 की ठगी।
  • शुरुआत में मामला साधारण ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड जैसा लगा।
  • लेकिन जब साइबर सेल ने पेमेंट ऐप, इंस्टाग्राम अकाउंट, बैंक अकाउंट्स और ट्रांजेक्शन्स की जांच शुरू की — तब एक विशाल नेटवर्क का खुलासा हुआ।

💻 जांच में क्या मिला — ठगी का जाल

🔹 फर्जी इंस्टाग्राम पेज

  • आरोपियों ने “साड़ी”, “डिज़ाइनर वेयर”, “एथनिक कलेक्शन” जैसे नामों से सैकड़ों फर्जी इंस्टाग्राम पेज बनाए थे।
  • ये पेज असली बिज़नेस की तरह दिखते थे — प्रोफेशनल फोटो, फेक रिव्यू, डिस्काउंट ऑफर, “Cash on Delivery” या “UPI Payment” के बहाने से लोगों से रकम ऐंठी जाती थी।

🔹 गेमिंग ऐप “100 Book” के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग

  • जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य केवल शॉपिंग फ्रॉड ही नहीं, बल्कि “100 Book” नाम का ऑनलाइन बेटिंग/गेमिंग ऐप भी चला रहे थे।
  • यह ऐप एक कवर प्लेटफॉर्म था — ठगे गए पैसे को वैध दिखाने के लिए “ऑनलाइन गेमिंग ट्रांजेक्शन” के रूप में दिखाया जाता था।
  • पुलिस को बैंक स्टेटमेंट में ₹50 करोड़ तक का ट्रांजेक्शन मिला।

🔹 फर्जी पहचान और नेटवर्क

  • गिरोह ने 100 से ज़्यादा फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड बना रखे थे।
  • सिम कार्ड और अकाउंट अलग-अलग राज्यों से खुलवाए गए थे ताकि ट्रेसिंग कठिन हो।
  • हर बार ठगी के बाद पैसा 3-4 खातों के जरिए घुमाकर निकाला जाता था।

🚓 पुलिस की रणनीति और कार्रवाई

🔹 7 दिन का गुप्त ऑपरेशन (मुंबई मिशन)

  • खैरागढ़ पुलिस की टीम ने मुंबई के डोम्बिवली और कल्याण में ऑपरेशन चलाया।
  • टीम ने ‘डिलीवरी ब्वॉय’ बनकर इलाके में रेकी की ताकि गिरोह की पहचान और सही लोकेशन की पुष्टि हो सके।
  • जानकारी पुख्ता होते ही पुलिस ने एक साथ दो फ्लैटों पर छापा मारा।

🔹 8 आरोपी गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए आरोपी निम्न हैं —

  1. गौतम पंजाबी
  2. पवन सुरूसे
  3. विनायक मोरे
  4. अमित मोरे
  5. रामचंद्र चौके
  6. अमोल दिवनाने
  7. अभिषेक डंबडे
  8. मनोज मुखिया

आरोपी महाराष्ट्र और बिहार के रहने वाले हैं; सभी गिरोह के अलग-अलग काम संभालते थे — कोई फर्जी अकाउंट खोलता, कोई सोशल मीडिया पेज बनाता, कोई पेमेंट मैनेज करता।


📱 जब्ती (Seizure) — डिजिटल सबूत

पुलिस ने आरोपियों से बरामद किए:

  • 5 लैपटॉप
  • 14 मोबाइल फोन
  • 51 बैंक पासबुक
  • 51 एटीएम कार्ड
  • 15 चेकबुक
  • 25 सिम कार्ड

इन सभी उपकरणों में ऑनलाइन ठगी, चैट, बैंक ट्रांजेक्शन और गेमिंग ऐप से जुड़ी अहम डिजिटल फाइलें पाई गई हैं।


⚖️ कानूनी कार्रवाई और धाराएँ

  • सभी आरोपियों पर संगठित अपराध, आईटी एक्ट, और जुआ अधिनियम (Gambling Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
  • पुलिस ने उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजा है और पूछताछ जारी है ताकि गिरोह के बाकी सदस्यों और लिंक्ड खातों की पहचान हो सके।
  • अनुमान है कि यह नेटवर्क अन्य राज्यों में फैला हुआ है — संभवतः दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात में इसके कनेक्शन हैं।

📊 इस केस से मिलने वाले अहम सबक

मुद्दासीख
1️⃣ सोशल मीडिया पर शॉपिंगफर्जी पेजों से सावधान रहें। असली वेबसाइट या वेरिफाइड अकाउंट से ही खरीदें।
2️⃣ UPI या एडवांस पेमेंटकिसी अनजान अकाउंट या QR कोड पर पेमेंट न करें।
3️⃣ ऑफ़र और डिस्काउंटअत्यधिक “लुभावने ऑफर” अक्सर धोखा साबित होते हैं।
4️⃣ रिपोर्टिंगछोटी सी ठगी की शिकायत भी बड़ी जांच का सुराग बन सकती है — हमेशा रिपोर्ट करें।
5️⃣ डिजिटल ट्रेसिंगसाइबर अपराधों में हर लेन-देन डिजिटल निशान छोड़ता है — इसलिए पुलिस तक पहुंचना संभव है।

👮‍♂️ खैरागढ़ पुलिस की उपलब्धि

राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य ने कहा:

“यह केस इस बात का उदाहरण है कि यदि किसी नागरिक की छोटी सी शिकायत को गंभीरता से लिया जाए, तो बड़े अपराधी नेटवर्क तक पहुंचा जा सकता है। खैरागढ़ पुलिस ने अपनी प्रोफेशनल जांच से साबित किया है कि साइबर अपराधी कहीं भी छिपे हों, कानून के हाथ उनसे बहुत दूर नहीं हैं।”


🔐 साइबर सुरक्षा के लिए सलाह

  • फर्जी इंस्टाग्राम/फेसबुक पेज की पहचान कैसे करें:
    • अकाउंट पर ब्लू टिक न हो तो सावधानी बरतें।
    • हालिया पोस्ट और कमेंट पढ़ें — असली ग्राहकों की समीक्षा होती है या नहीं।
    • “Only UPI Payment” या “Advance only” कहने वाले पेजों से बचें।
  • अगर ठगी हो जाए तो क्या करें:
    • तुरंत 1930 (Cyber Helpline Number) पर कॉल करें।
    • cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
    • अपने बैंक और UPI ऐप में फ्रॉड रिपोर्ट करें ताकि रकम ब्लॉक की जा सके।

🧩 निष्कर्ष

  • यह मामला दिखाता है कि साइबर ठगी अब केवल “छोटे स्तर का अपराध” नहीं रह गया है — बल्कि संगठित डिजिटल नेटवर्किंग अपराध में तब्दील हो चुका है।
  • खैरागढ़ पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक गिरोह का पर्दाफाश है, बल्कि देशभर में साइबर फ्रॉड जांच के लिए एक मिसाल बन गई है।

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