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गायक Hansraj Raghuwanshi को मिली जान से मारने की धमकी, मांगे गए 15 लाख, आरोपी ने खुद को बताया बिश्नोई गैंग का सदस्य….

लोकप्रिय devotional गीत “मेरा भोला है भंडारी” के गायक हंसराज रघुवंशी और उनके परिवार को फोन/व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से जान से मारने की धमकी दी गई और साथ में रंगदारी के रूप में ₹15 लाख की मांग की गई। मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपी की पहचान और कथित पृष्ठभूमि

  • पुलिस/शिकायत के अनुसार आरोपी की पहचान राहुल कुमार नागड़े के रूप में हुई है, जो कथित रूप से उज्जैन (मध्य प्रदेश) का रहने वाला बताया जा रहा है।
  • मामला सेल-फोन/सोशल मीडिया से जुड़ा है: बताया गया है कि राहुल की पहली मुलाकात हंसराज से उज्जैन के एक मंदिर में हुई थी; बाद में उसने गायक के इवेंट/शादी में भी बिना निमंत्रण पहुंचकर स्टाफ से दोस्ती कर मोबाइल नंबर हासिल किए — जिससे वह गायक के और करीब आने की कोशिश करता रहा। कुछ समय बाद गायक ने उसे इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया — यही बात आरोपी को नाराज़ कर गई और कथित रूप से उसने साजिश की रूप-रेखा बनानी शुरू कर दी।
  • धमकियों का तरीका और लक्ष्य
  • शिकायत के अनुसार आरोपी ने फोन और व्हाट्सऐप के जरिये गायक की पत्नी, मां और टीम के सदस्यों को भी जान से मारने की धमकी दी और रंगदारी की माँग रखी।
  • आरोपी ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा बताया और गोल्डी बराड़ से संबंध होने का दावा भी किया — ऐसे दावे कई अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों में भी देखे गए हैं, इसलिए पुलिस इस दावे की भी तहकीकात कर रही है। (बिश्नोई/गोल्डी बराड़ और उनसे जुड़े नेटवर्क पर पहले भी जांच और मीडिया रिपोर्ट्स मिलते रहे हैं।)

पुलिस की कार्रवाई (क्लेक्शन/रिपोर्टिंग)

  • खबरों के मुताबिक जीरकपुर/मोहाली पुलिस (Zirakpur/Mohali) ने शिकायत मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है; पुलिस फोन रिकॉर्ड, व्हाट्सऐप चैट और आरोपी की गतिविधियों की जांच कर रही है। मामले में आगे की कानूनी प्रकिया और गिरफ्तारी/प्रोसीक्यूशन पुलिस की जांच पर निर्भर करेगी।

क्यों गंभीर है — प्रसंग और जोखिम

  • हाई-प्रोफाइल कलाकारों को धमकी/रैंसम/एक्सटॉर्शन की घटनाएँ अकेले इस केस तक सीमित नहीं हैं; पिछले वर्षों में भी कुछ歌 कलाकारों को गैंग-कनेक्शन बताकर धमकियाँ मिलीं — इसलिए पुलिस और सुरक्षा-यंत्रणाओं की सतर्कता ज़रूरी है। मामलों में आरोपियों द्वारा बड़े गिरोहों का नाम लेने का उद्देश्य डर पैदा करना और कानून-व्यवस्था पर दबाव बनाना भी हो सकता है — इसलिए साफ़-तहकीकात जरूरी है।

क्या बताया जा सकता/क्या नहीं

  • मीडिया रिपोर्ट्स ने आरोपी का नाम और कथित मिलने-जुलने की जानकारी प्रकाशित की है; पर अभी तक किसी बड़े गिरोह के “प्रत्यक्ष संलिप्तता” की पुख्ता सरकारी पुष्ट‍ि (जैसे कोर्ट/अधिकारियोँ का आधिकारिक बयान) की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है — इसलिए उस हिस्से को पुलिस द्वारा अधिक जांच के बाद ही अंतिम माना जा सकता है।

पाठक/परिवार के लिए सुझाव (सुरक्षा टिप्स)

  • पुलिस के निर्देशों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध कॉल/मैसेज की स्क्रीनशॉट/रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें।
  • यदि आप प्रभावित है — नजदीकी थाने में तुरंत शिकायत दर्ज कराएँ और मोबाइल/वॉइस रिकॉर्ड आदि पुलिस को सौंप दें।
  • सार्वजनिक रूप से कोई निजी पता या यात्रा-शेड्यूल साझा न करें; सोशल मीडिया प्राइवेसी सेटिंग्स कठोर कर लें।
  • कानूनी सहायता और साइबर/सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क लें यदि खतरा प्रत्यक्ष और जारी है। (ये सामान्य सुरक्षा सुझाव हैं; गंभीर धमकी की स्थिति में स्थानीय पुलिस निर्देश सर्वोपरि हैं।)

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