रायपुर
“क्षेत्रीय सरस मेला”जो आज रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में समापन की ओर है।

यह मेला ग्रामीण महिला उद्यमिता, हस्तशिल्प, और स्व-सहायता समूहों (Self Help Groups – SHGs) को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयोजन माना जाता है।आइए इसे विस्तार से समझते हैं 👇
🎪 क्षेत्रीय सरस मेला — विस्तृत जानकारी
📍 स्थान
- साइंस कॉलेज मैदान, रायपुर
— राजधानी का यह प्रमुख आयोजन स्थल है, जहां राज्य और राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शनियां और मेले नियमित रूप से आयोजित होते हैं।

🗓️ समापन दिवस
- आज (18 अक्टूबर 2025) मेले का अंतिम दिन (समापन दिवस) है।
पिछले कई दिनों से चल रहे इस मेले में हज़ारों लोगों ने शिरकत की।
🎯 मुख्य उद्देश्य
इस मेले का मुख्य उद्देश्य है —
- स्व-सहायता समूहों की महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना,
- उनके उत्पादों का प्रचार-प्रसार और बिक्री को बढ़ावा देना,
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना,
- और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्लेटफ़ॉर्म देना।
👉 यह आयोजन ग्रामीण विकास विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के सहयोग से किया जाता है।
🛍️ स्टॉलों का विवरण
- कुल 202 स्टॉल स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा लगाए गए हैं।
इनमें निम्न प्रकार के उत्पाद शामिल हैं:- ग्रामीण हस्तशिल्प वस्तुएं (जैसे बाँस, लकड़ी, जूट, धातु, मिट्टी की कलाकृतियाँ)
- हैंडलूम वस्त्र (कोसा, सिल्क, सूती साड़ियाँ, दुपट्टे)
- घर में बने जैविक खाद्य पदार्थ (मसाले, पापड़, अचार, बाड़ी, शहद, तेल आदि)
- पर्यावरण हितैषी उत्पाद (रीसायकल्ड सामान, प्राकृतिक रंग, हैंडमेड डेकोरेशन आइटम्स)
🍴 फूड ज़ोन
- कुल 16 फूड स्टॉल लगाए गए हैं।
यहाँ आगंतुकों को विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन परोसे जा रहे हैं, जैसे —- छत्तीसगढ़ का चीला, फरा, ठेठरी-खुरमी,
- पंजाब का छोले-भटूरे,
- राजस्थान का दाल-बाटी-चूरमा,
- दक्षिण भारत के इडली, डोसा,
- उत्तर भारत के पुरी-सब्ज़ी, जलेबी आदि।
👉 फूड ज़ोन इस मेले का विशेष आकर्षण बना रहा है।
👩🌾 महिला उद्यमियों की भागीदारी
- मेले में प्रदेश के सभी जिलों से आए स्व-सहायता समूहों की महिलाएं भाग ले रही हैं।
- साथ ही अन्य राज्यों (जैसे मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश आदि) से भी महिला उद्यमियों को आमंत्रित किया गया था।
- इससे अंतरराज्यीय उत्पाद आदान-प्रदान और अनुभव साझा करने का अवसर भी मिला।
🏆 समापन समारोह
समापन दिवस पर संभवतः निम्न कार्यक्रम होंगे —
- उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्व-सहायता समूहों को सम्मानित किया जाएगा,
- बिक्री और नवाचार के आधार पर पुरस्कार वितरण होगा,
- ग्रामीण महिला उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर चर्चा,
- सांस्कृतिक कार्यक्रम (लोकगीत, नृत्य, छत्तीसगढ़ी प्रदर्शन) भी शामिल रहेंगे।
💬 महत्व
यह मेला ग्रामीण महिलाओं के लिए सिर्फ़ बिक्री मंच नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, पहचान और आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक है।
सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” और “महिला सशक्तिकरण” की दिशा में यह आयोजन बेहद उपयोगी साबित हो रहा है।