छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य योजनाओं की नियमित समीक्षा के निर्देश…

है (मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य योजनाओं की नियमित समीक्षा के निर्देश) उसका विस्तृत, व्यवस्थित और कार्यगत (actionable) रूप में व्याख्यात्मक रूप दिया जा रहा है: क्या कहा गया, उसका महत्व, जिलास्तरीय करने योग्य कदम, मॉनिटरिंग-मेטרिक्स (KPIs), संभावित अड़चनें और समाधान। जहाँ जरूरी है वहां भरोसेमंद स्रोत भी जोड़े गए हैं।

1) क्या निर्देश दिए गए (संक्षेप)
- स्वास्थ्य योजनाओं की नियमित समीक्षा और कार्यक्रमों की प्रगति की सख्त निगरानी। — (कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस रिपोर्ट)।
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए शत-प्रतिशत अस्पतालों में प्रसव सुनिश्चित करने के निर्देश, टीकाकरण सत्र समय पर कराना और फील्ड-वेरिफिकेशन से पारदर्शिता।
- मैटरनल डेथ ऑडिट प्रत्येक प्रकरण में लागू करने का आदेश। (ऑडिट से रोकथाम रणनीति निकलेगी)। — मातृ मृत्यु में गिरावट-प्रवृत्ति और ऑडिट का वैज्ञानिक महत्व भी दर्शनीय है।
- NRC (Nutrition Rehabilitation Centres) का प्रभावी संचालन और माताओं-बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान। (NRC का उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चों का क्लिनिकल एवं पोषण पुनर्स्थापन)
- वेलनॅस-सेंटर्स से NCD जागरूकता अभियान; बस्तर संभाग में मलेरिया-हॉटस्पॉट पर विशेष अभियान; और आयुष्मान/वय-वंदना कार्ड (प्रधानमंत्री/केंद्र की योजनाओं) के अंतर्गत वृद्धजनों का शीघ्र पंजीकरण/कार्ड निर्माण प्राथमिकता।
2) इन निर्देशों का क्यों महत्व है (सरल भाषा में)
- हाई-इम्पैक्ट: मातृ और शिशु मृत्यु दरें सीधे स्वास्थ्य-सिस्टम की क्षमता का परीक्षण हैं — ऑडिट और 100% अस्पताल प्रसव से रूट-कोज़ पहचान कर लक्षित सुधार होते हैं।
- कुपोषण और NRC: गंभीर कुपोषण वाले बच्चों के इलाज के लिए NRCs प्रभावी केंद्र हैं — पर उनकी क्षमता, मानक आहार और फॉलो-अप जरूरी है।
- वरिष्ठ नागरिक कवरेज: वय-वंदना/आयुष्मान-वेरायंट कार्ड जैसी पहल से वृद्धों के लिए बड़ा वित्तीय सुरक्षा-नेट बनता है — जल्दी पंजीकरण से लाभजन सीधे मिलते हैं।
3) जिलास्तर पर कलेक्टरों के लिए ठोस कार्ययोजना (विन्यास — 8 बिंदु)
- साप्ताहिक/द्वि-साप्ताहिक समीक्षा मीट्रिक बनाएं: प्रसव-कवर (घरेलू vs अस्पताल), टीकाकरण कवरेज, संस्थागत प्रसव %, एनआरसी-बेड उपयोगिता, माँ/बच्चे का पोषण-इंडेक्स। (डैशबोर्ड)।
- ग्राम/आंगनवाड़ी-लेवल फील्ड-वेरिफिकेशन टीम: ASHA + ANM + ब्लॉक-मॉनीटर की टीम ताकि टीकाकरण सत्रों और प्रसव-रजिस्ट्रेशन का सत्यापन हो (random spot checks)।
- मेटरनल डेथ ऑडिट प्रोसेस तुरंत लागू करें: हर मातृ मृतको की फोरेंसिक-क्लिनिकल-सिस्टमिक समीक्षा; रिपोर्ट District MCH committee को भेजें; एक्शन-आइटम्स निकाले और 30/60/90-दिन में फॉलो-अप।
- NRC क्षमता और रिफरल-लिंकें मजबूत करें: NRC में बेड, थेराप्यूटिक किचन, प्रशिक्षित स्टाफ; अति-ग्रामीण इलाकों से रेफरल-ट्रांसपोर्ट का मैप बनाएं।
- NCD वेलनेस ड्राइव: वेलनैस-सेंटर पर सप्ताहांत-ब्रीफ कैंप — BP/BS स्क्रीनिंग, मौखिक निदान, लाइफस्टाइल काउंसलिंग; डेटा वैन-आधारित रेफरल।
- बस्तर में मलेरिया-हॉटस्पॉट टार्गेटिंग: माइक्रो-मन्टिरिंग, IRS/LLINs (कीट-नाशक/मच्छरदानी) कवरेज, फोइल्ड स्पॉट-रैपिड टेस्टिंग, क्लिनिक-बेस्ड केसलॉ
- बुज़ुर्गों का रजिस्ट्रेशन/कार्ड-ड्राइव: आयुष्मान वय-वंदना (या केंद्र की उस योजना) के तहत 70+ वयजनों का विशेष नामांकन शिविर और कार्ड बनवाने के उपाय।
- सार्वजनिक-प्रवक्ता (Public-Grievance) और पारदर्शिता: मासिक सार्वजनिक रिपोर्ट-कार्ड (web/प्लैटफ़ॉर्म पर) और हेल्पलाइन/ग्राइवन्स ट्रैकिंग।
4) मॉनिटरिंग-KPIs (जिलास्तर, मासिक/साप्ताहिक)
(कौन सा मेट्रिक, लक्ष्य/वर्तमान-वैल्यू, रिपोर्टिंग आवृत्ति)
- % संस्थागत प्रसव (هدف: 100% जहाँ सम्भव) — साप्ताहिक.
- टीकाकरण सत्र-कम्प्लायंस (VHND/इन-हाउस) — साप्ताहिक; लक्ष्य 100% सत्र प्लांडेट पर।
- मेटरनल डेथ ऑडिट-कवरेज (% मामलों पर ऑडिट हुआ) — मासिक; लक्ष्य 100%।
- NRC-कम्प्लीट-रिहैब (किटेड-डिस्चार्ज %) और रीएडमिशन रेट — मासिक।
- मलेरिया पॉज़िटिव केस रेट (हॉटस्पॉट) — साप्ताहिक; लक्ष्य: डाउनट्रेंड हर 4 हफ्ते।
- आयुष्मान/वय-वंदना कार्ड बनवाए गए बुज़ुर्गों की संख्या — मासिक (विशेष ड्राइव)।
5) संभावित अड़चनें और समाधान (प्रैक्टिकल)
- समस्या: ग्रामीण क्षेत्रों में रुझान-छूट (home births)। → समाधान: प्राथमिक स्वास्थ्य-केंद्र पर 24×7 बर्थ-सेवा सुदृढ़ करना, ASHA प्रोत्साहन, इमरजेंसी ट्रांसपोर्ट.
- समस्या: NRC में स्टाफ/खाद्य/डाइट-मानक नहीं। → समाधान: राज्य-मानक therapeutic diet package, ट्रेनिंग, और नियमित सुपरविजन।
- समस्या: डेटा-डिलीवरी और रिपोर्टिंग-गैप। → समाधान: मोबाइल-आधारित DASHBOARD (ANM/ASHA से सीधे एंट्री), हर ब्लॉक का साप्ताहिक RAG (red/amber/green) स्टेटस।
- समस्या: वृद्धों/गरीबों तक कार्ड न पहुँचना। → समाधान: PDS/स्वास्थ्य शिविरों में ऑन-the-spot एंट्री और हेल्प-डेस्क।
6) तात्कालिक प्राथमिकता (पहले 30 दिनों में जो ज़रूरी है)
- सभी जिलों में 7-दिनीय फील्ड-वेरिफिकेशन ड्राइव — टीकाकरण/प्रसव-कम्प्लायंस।
- मेटरनल डेथ ऑडिट SOP जारी और ट्रेनीर-बैच — हर जिले में नोडल अधिकारी।
- NRC सूची, बेड-ऑक्युपेंसी, और आवश्यक-खर्च का त्वरित ऑडिट — आवश्यक सप्लाई शीघ्र भेजे
- बस्तर के लिए मलेरिया-सर्वे और हॉटस्पॉट-मैप — 14-दिन में प्राथमिक अभियान।
- वय-वंदना/Ayushman कार्ड स्पेशल-शिविरें — 30 दिन का रजिस्ट्रेशन टार्गेट रखें।
7) जिलास्तर चेकलिस्ट (कलेक्टर के लिए — प्रिंटेबल)
- मातृत्व प्रसव-रजिस्टर: संस्थागत-विन्यास की जांच (पिछले 30 दिन)।
- प्रत्येक मातृ मृत्यु के लिए ऑडिट रिपोर्ट (और 3-po int action)।
- टीकाकरण सत्र कैलेंडर + फील्ड-वेरिफिकेशन रिपोर्ट।
- NRC: बेड, स्टाफ, किचन, ओपीडी-रिफरल मैप।
- NCD वेलनैस-कैंप रिकॉर्ड (स्क्रीनिंग संख्या)।
- बस्तर: मलेरिया-हॉटस्पॉट सूची और IRS/LLIN कवरेज रिपोर्ट।
- आयुष्मान/वय-वंदना कार्ड: नामांकन-काउंट और कार्ड जारी रिपोर्ट।
8) स्रोत (मुख्य रिफरेंसेज़ — आगे पढ़ने/वेरिफाई करने के लिए)
- स्थानीय कवरेज/रिपोर्ट्स — कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस कवरेज (समाचार रिपोर्टें)।
- मातृ मृत्यु और मेटरनल-डेथ-ऑडिट के महत्व पर शोध/डेटा (पत्रिका/PMC)।
- Nutrition Rehabilitation Centres (NRC) — NHM/Operational guidelines (कार्यप्रणाली और मॉनिटरिंग)।